जब खरीदें पहली कार...
कार खरीदने का सपना हर कोई देखता है। अपने बजट, जरूरतों और पसंद के अनुसार यंगस्टर्स भी अपनी कार के सपने संजोना शुरू कर देते हैं।
जिंदगी में सबसे ज्यादा अच्छा लगता है जब कोई अपनी कार खरीदता है। भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं जो बड़ी मुश्किल से इस सपने को पूरा करने का साहस जुटा पाते हैं। यह आलेख उन्हीं के लिए है जो अपने खून-पसीने की कमाई सपनों की कार पर खर्च करने की सोच रहे हैं। कार चाहे नई खरीदें या पुरानी, दोनों ही स्थितियों में समझदारी दिखानी जरूरी है।
कीमत पर कर लें विचार
यंगस्टर्स अगर लोन लेकर कार खरीदने की सोच रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कि कार लोन की ईएमआई के अलावा उन्हें मेंटेनेंस, इंश्योरेंस प्रीमियम और फ्यूल चार्ज पर भी खर्च करना होगा। इसलिए पूरी रकम कार खरीदने पर खर्च कर देने से बेहतर है कि ओनरशिप की टोटल कॉस्ट कैलकुलेट की जाए। एक स्पेसिफिक बजट तय करें ताकि ईएमआई और फ्यूल चार्ज के बावजूद कोई फाइनेंशियल दबाव न पड़े।
रीसेल वैल्यू भी दिमा$ग में रखें
यह तो तय है कि कुछ साल बाद आप अपनी कार अपग्रेड करेंगे। पुरानी कार बेचने से आपको जो रकम हासिल होगी, उसका इस्तेमाल आप नई गाड़ी खरीदने में कर सकते हैं। उस टाइम आपकी कार की रीसेल वैल्यू क्या होगी, यह बता पाना मुश्किल है, लेकिन अलग-अलग ब्रैंड्स की रीसेल वैल्यू की स्टडी से आप एक अंदाजा जरूर लगा सकते हैं। आमतौर पर जिस कार के स्पेयर पाट्र्स आसानी से मिल जाते हैं, उसकी रीसेल वैल्यू ज्यादा होती है।
डीजल-पेट्रोल का करें आकलन
महंगी होने के बावजूद लोगों की पसंद पहले डीजल कार हुआ करती थी क्योंकि इसकी फ्यूल कॉस्ट कम और माइलेज ज्यादा होती थी। इसके मायने यही हैं कि डीजल कार के लिए चुकाया गया प्रीमियम दो से तीन साल में निकल आएगा, लेकिन अब रनिंग कॉस्ट बहुत अहम नहीं रह गई है। अब पेट्रोल और डीजल का $फ$र्क सि$र्फ 10 रुपये प्रति लीटर रह गया है। एक्स्ट्रा कॉस्ट रिकवर करने के लिए 5-6 साल तक डीजल कार चलानी पड़ सकती है। रोज 50 किलोमीटर से कम ड्राइव करने वालों के लिए पेट्रोल वैरिएंट सही विकल्प है।
यूज्ड कार का रखें विकल्प
मार्केट ऑर्गेनाइज होने से फस्र्ट टाइम कार खरीदने वालों के लिए यूज्ड कार भी अच्छा ऑप्शन हो सकती है। अगर आप कार लोन नहीं लेना चाहते हैं तो एक साल की सेविंग्स से बड़ी आसानी से यूज्ड कार ले सकते हैं। कुछ साल बाद जब आपकी इनकम बढ़ेगी, तब नई कार खरीद सकते हैं।
रखरखाव हो सस्ता
हो सकता है कि आपको अपनी फेवरिट कार पर अच्छा डिस्काउंट मिल जाए, लेकिन बात जब मेंटेनेंस की आएगी तब भी क्या वह अट्रैक्टिव रहेगा? यह आपका पहला ड्राइविंग एक्सपीरियंस होगा, इसलिए मुमकिन है कि कार में डेंट भी पड़ जाएं। क्या आपको अपने कार की मेंटेनेंस के लिए एक ह$फ्ते का इंतजार करना होगा? अगर ब्रेकडाउन होता है तो क्या आपको आसानी से स्पेयर पाट्र्स अवेलेबल हो जाएंगे? इसलिए किसी भी ब्रैंड की कार चुनने से पहले उसकी आफ्टर सेल्स सर्विस को भी ध्यान में रखना होगा। सर्विस सेंटर की सहूलियत वाले पॉपुलर ब्रैंड पर ही आपको दांव लगाना चाहिए।
अमित द्विवेदी