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वीकेंड ट्रेवल : नाइट लाइफ इन दिल्ली

चारों तरफ हरे मखमल जैसे खूबसूरत लॉन, चौड़ी और खाली सड़कें, आसमान में फैले हज़ारोंं तारे और इंडिया गेट के सामने नज़र आता एक लंबा खूबसूरत रास्ता ....

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 01:03 PM (IST)
वीकेंड ट्रेवल : नाइट लाइफ इन दिल्ली

दिल्ली में शायद ही कोई और जगह हो जहां आपको आज़ादी और खुलेपन का ऐसा एहसास मिल सके जो आपको रात में इंडिया गेट पर मिलेगा। इंडिया गेट की एक और खासियत है देर रात तक यहां मिलने वाली आइस्क्रीम और गुब्बारे। हाथ में आइस्क्रीम, धीमी हवाएं और दोस्तों का साथ... इससे बेहतर और क्या होगा! इंडिया गेट से दो किलामीटर के दायरे में ऐसी कई जगहें हैं जो काफी अलग हैं लेकिन यहां देर रात आने का अनुभव अपने आप में अनोखा है।
ज़ायकेदार खाना
आप अपने नाइट टूर के दौरान कुछ ज़ायकेदार खाने के मूड में हैं तो दिल्ली आपको कभी निराश नहीं करेगी। शहर में कुछ ऐसे अड्डे हैं जहां आपको किसी भी वक्त टेस्टी खाना मिलेगा। अगर आप परांठे खाने के मूड में हैं तो एम्स, यूसुफ सराय और मूलचंद फ्लाइओवर के पास अपने पसंदीदा परांठे आसानी से मिलेंगे। इसके अलावा लाजवाब खाना खाने के लिए आप पंडारा रोड का रुख भी कर सकते हैं। यहां देर रात तक ढाबे खुले रहते हैं। अगर आप देसी के बजाय कुछ फास्टफूड खाने के मूड में हैं तो निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर स्थित कॉमसम रेस्तरां आपके लिए बेस्ट रहेगा।
रातों को मीठी यादें देती हैं ये जगहें
अपने नाइट टूर में अगर आप क्लब या डिस्क को शामिल करना चाहते हैं तो दिल्ली में ऐसी जगहों की कमी नहीं है। यहां के हर पांच सितारा होटल में आपको शानदार क्लब मिलेंगे जो आपको मस्ती में चूर होने को मजबूर कर दें। सबसे ज़्यादा पसंदीदा क्लब्स की सूची में शंग्रीला का हाइप, सम्राट में स्थित लैप, डिस्ट्रिक्ट सेंटर साकेत में बना आइस लाउंज शामिल है।
यहां एक अच्छे डिनर के साथ भी एंजॉय कर सकते हैं। वैसे दिल्ली में अब कुछ टूरिस्ट कंपनियां सैलानियों को नाइट इन दिल्ली का विकल्प भी देती हैं। चाहे पुराना किला हो या लाल किला, अक्षरधाम हो या लोटस टेंपल, चांद की मद्धम रोशनी में इन ऐतिहासिक इमारतों को करीब से देखने का मज़ा ही कुछ और है। दिल्ली में घूमने-फिरने का सही मौसम और माहौल भी तो यही है।
रुहानी एहसास के लिए आएं यहां
निज़ामुद्दीन की दरगाह में आप जिस वक्त चाहें, आ सकते हैं। शायद तभी कहा जाता है कि खुदा के दरवाज़े किसी के लिए कभी बंद नहीं होते। दरगाह के आंगन में अपने दोस्तों के साथ बैठ कर कुछ पल के लिए ही सही अपनी जिंदगी की सारी परेशानियों से खुद को आज़ाद पाएंगे। कानों में गूंजती कव्वाली और हवा में फैली खुशबू आपको एक नए व तरोताज़ा एहसास से लबरेज कर देगी।
संगीता सिंह
फोटोज़- संजीव कुमार

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