जब करें स्कूटर की सवारी
देश भर में ऑटोमैटिक स्कूटर बहुत ही तेज़ी के साथ लोकप्रिय हो रहे हैं। राइडिंग, सर्विसिंग और लोकल कम्यूटिंग में आसान ये स्कूटर गल्र्स और बॉयज़, दोनों के लिए अवेलेबल हैं।
हर किसी को टीनएज में ही बाइक तो मिल नहीं जाती है, ऐसे में ऑटोमैटिक स्कूटर यंगस्टर्स की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। वैसे भी जब आपको दिन में कई बार बाहर जाना हो या हेवी ट्रैफिक का अकसर सामना करना पड़ता हो तो टू व्हीलर से कम्यूट करना ही सही रहता है।
देश भर में ऑटोमैटिक स्कूटर बहुत ही तेज़ी के साथ लोकप्रिय हो रहे हैं। राइडिंग, सर्विसिंग और लोकल कम्यूटिंग में आसान ये स्कूटर गल्र्स और बॉयज़, दोनों के लिए अवेलेबल हैं। पर जैसे कि हर चीज़ परफेक्ट नहीं होती, वैसे ही इनमें भी कुछ खामियां होती हैं। मसलन ये मुसीबत लगने लगते हैं जब इनकी बैट्री ख़्ात्म हो जाए या फिर सेल्फ ख़्ाराब हो जाए। पढ़ते हैं कुछ ऐसे टिप्स के बारे में जिनसे आप अपने स्कूटर के साथ ही ख़्ाुद को भी सुरक्षित रख सकें।
रेगुलर करवाएं सर्विसिंग
स्कूटर की सर्विसिंग भी मोटरसाइकिल की ही तरह लगभग 2500 किलोमीटर चलाने के बाद हो जानी चाहिए। अगर किसी वजह से सर्विस में देरी हो रही हो तो उसका इंजन ऑयल चेंज करवा लें। इसके साथ ही स्कूटर की बैट्री को भी नियमित तौर पर चेक करवाते रहें। ऑटोमैटिक स्कूटर में बहुत कम लोग किक का यूज़ करते हैं, इस वजह से बैट्री की लाइफ बहुत कम हो जाती है। इसलिए ज़रा सी भी दिक्$कत होने पर बैट्री की जांच करवा लें। वैसे तो आजकल ज़्यादातर स्कूटर्स में बैट्रियां मेनटेनेंस फ्री लगवाई जाती हैं। इससे थोड़ी राहत रहती है।
जब लगानी पड़े किक
जब स्कूटर की बैट्री या सेल्फ ख़्ाराब होने की स्थिति में किक लगाना पड़े तो सबसे ज़्यादा ज़रूरी यह जानना हो जाता है कि किक लगाने का सही तरी$का क्या है। स्कूटर को फुल स्टैंड पर पार्क करने के बाद उसमें किक लगाएं। किक लगाते वक्त ध्यान रखें कि स्कूटर का पीछे वाला व्हील बिलकुल फ्री रहे, क्योंकि किक लगाते टाइम वह रोटेट करता है और तभी स्कूटर स्टार्ट होता है। स्कूटर को समतल जगह पर खड़ा करने से भी वह आसानी से स्टार्ट हो जाता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
ध्यान रहे कि ऑटोमैटिक स्कूटर को स्टार्ट करते टाइम रेस देने की ज़रूरत नहीं होती, ये अपने आप ही एक या दो किक में स्टार्ट हो जाते हैं। स्टार्ट होने के बाद दो-चार मिनट उसे यूं ही खड़ा रहने दें जिससे कि वह गर्म हो जाए। अगर आप ऑटोमैटिक स्कूटर चला रहे हैं तो ध्यान रखें कि बैट्री ख़्ाराब होने पर या सेल्फ में समस्या होते ही उसे सही करवा लें। अगर आपको उसमें किक लगानी पड़ेगी तो फिर ऑटोमैटिक स्कूटर रखने का मकसद ही ख़्ात्म हो जाएगा।
हर व्हीकल की तरह ही यह भी एक सहज कम्यूटिंग का साधन है। कार या बाइक की तरह ही इसे भी टाइम टु टाइम सर्विसिंग की ज़रूरत पड़ती है। अगर इसका अच्छे से ख़्ायाल रखेंगे तो इससे बेहतर आपके लिए कुछ नहीं होगा।
अमित द्विवेदी