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एक सैर यहां भी....

सर्दियों में तो घूमने का बस बहाना चाहिए होता है। मौ$का मिलते ही लोग परिवार या दोस्तों संग निकल पड़ते हैं सैर पर। वैसे तो दिल्ली में बहुत सी ख़्ाूबसूरत जगहें हैं घूमने की, पर लोधी गार्डन का चार्म अलग ही है। अगर आपको पेंटिंग, रीडिंग या राइटिंग का शौक

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2016 12:17 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2016 12:20 PM (IST)
एक सैर यहां भी....

सर्दियों में तो घूमने का बस बहाना चाहिए होता है। मौ$का मिलते ही लोग परिवार या दोस्तों संग निकल पड़ते हैं सैर पर। वैसे तो दिल्ली में बहुत सी ख़्ाूबसूरत जगहें हैं घूमने की, पर लोधी गार्डन का चार्म अलग ही है। अगर आपको पेंटिंग, रीडिंग या राइटिंग का शौ$क हो तो वहां शांति में आपको अच्छे आइडियाज़ भी मिल सकते हैं। शहर की चहल-पहल से ज़रा हट कर हम आपके लिए लाए हैं वहां की कुछ ख़्ाास तसवीरें। साथ में हैं युवा मॉर्निंग वॉकर जितेन्द्र -

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वैसे तो मैं अकसर ही यहां आता रहता हूं, पर हलकी ठंड में यह जगह हमेशा से ज़्यादा बेहतर लगने लगती है। कोई साथ हो या न हो, मुझे यहां ख़्ाुद के साथ टाइम बिताना ही बहुत अच्छा लगता है। वा$कई में, यहां एक अलग सी शांति और सुकून मिलता है जो हर जगह नहीं मिल पाता। अपने लिखने-पढऩे के शौ$क को भी यहीं पूरा कर लेता हूं। यहां का आर्किटेक्चर तो देखने लायक है ही, सिक्योरिटी के लिहाज़ से भी यह पार्क बहुत अच्छा है। इतने बड़े पार्क में कोई घटना न हो सके, इसलिए जगह-जगह गाड्र्स मौज़ूद रहते हैं।

वॉक पास्ट द हिस्ट्री

90 एकड़ में फैले इस ऐतिहासिक सिटी पार्क की नैचरल ब्यूटी देखने लायक है। 15 वीं शताब्दी में अफ$गान कुल के लोधी वंशज द्वारा बनवाए गए लोधी गार्डन की जि़म्मेदारी आज पुरातत्व विभाग के पास है। यहां सिकंदर लोधी और मोहम्मद शाह के मकबरों के अलावा शीशा गुंबद और बड़ा गुंबद भी हैं। यमुना नदी से सिकंदर के मकबरे तक जाने वाली धारा का कुछ अंश आज भी वहां बचा हुआ है।

इट्स फेमिली टाइम

माना जाता है कि लोधी गार्डन लवर्स का फेवरिट हैंगआउट स्पॉट है, पर सच तो यह है कि फेमिली और फ्रेंड्स के साथ पिकनिक एंजॉय करने के लिए भी यह बेस्ट ऑप्शन है। यहां यंगस्टर्स तरह-तरह के गेम्स खेलते भी नज़र आ जाते हैं। पिकनिक पर आए लोग अपने साथ क्रिकेट का सामान, बॉल्स और बैडमिंटन भी लाते हैं। कई स्कूल्स भी अपने स्टूडेंट्स को पिकनिक के लिए इसी गार्डन में लाते हैं। वैसे तो का$फी लोग अपने साथ खाने-पीने का सामान लाते हैं ,पर वहां भी आपको चाय और स्नैक्स वाले आसानी से मिल जाएंगे। पास में रेस्त्रां भी है।

बड़ा गुंबद

लोधी गार्डन के सेंटर में बना बड़ा गुंबद मोहम्मद शाह के मकबरे से 300 मीटर पर स्थित है। इसके साथ ही तीन और गुंबद भी बने हुए हैं। इसे अष्टïभुजाकार मकबरे का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। इसके पीछे की तर$फ शीश महल है। कहा जाता है कि यहीं से लोधी अपनी सत्ता का नेतृत्व करता रहा होगा। जगह-जगह से निकलीं सुरंगें लोधियों की दूरदर्शिता और हर स्थिति की तैयारियों का प्रमाण हैं।

अ साइट टु रोम अराउंड

दिल्ली के पॉल्यूशन से लोग इतना तंग आ चुके हैं कि वीकेंड्स पर हिल स्टेशन या हरी-भरी जगहों पर निकल जाते हैं। नेचर लवर्स को तो यहां ज़रूर जाना चाहिए। यहां का हरा-भरा वातावरण आपका मन तुरंत मोह लेगा। $फोटोग्रा$फी के शौ$कीन लोग रंग-बिरंगे पेड़-पौधों के पास ख़्ाूबसूरत $फोटोज़ क्लिक करवा सकते हैं। लोकेशन इतनी सुंदर है कि $फोटो में कोई फ्रेम लगाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

प्रस्तुति : दीपाली पोरवाल

फोटोज़ - संजीव कुमार


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