Move to Jagran APP

बदलता नजरिया

युवा पीढ़ी देश का भविष्य है। टीनएज में उनके मन में भटकाव आना सामान्य बात है। ऐसा होने पर बड़ों का फर्ज बनता है कि वे उन्हें समझें और समझाएं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 11:04 AM (IST)
बदलता नजरिया

भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां यूथ की संख्या सबसे अधिक है। हमारे बड़े-बुज़ुर्गों ने कहा है कि हिन्दुस्तान को दोबारा सोने की चिडिय़ा हमारे देश के नौजवान ही बना सकते हैं। आने वाले कुछ सालों में भारत में यूथ का दौर रहेगा और देश की जि़म्मेदारी भी इनके ही हाथों में होगी पर आज हमारे देश के यूथ में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जिसके अलग-अलग कारण हैं।
यूथ की सोच

loksabha election banner
  • दुनिया सहयोगी है लेकिन दुनिया एक कॉम्पिटीशन भी है। यहां पर रोज़ कुछ पाने के लिए औरों के साथ सीरियस कॉम्पिटीशन करना पड़ता है।
  • आज के यूथ लीडर बनना चाहते हैं, फॉलोवर नहीं।
  • कुछ के लिए जीवन में लक्ष्य से ज़्यादा अहम उस तक पहुंचने का तरीका है।
  • कॉलेज में पढऩे के साथ ही फैशन को भ्ज्ञी महत्व देना।
  • महानगरों में हाई सोसाइटी के यूथ हिन्दी में बात करने वालों का मज़ाक बनाते हैं।
  • रोज़गार के क्षेत्र में अंग्रेजी बोलने वालों की ही नियुक्ति करना।
  • ये परंपराओं के जाल से बाहर निकलना चाहते हैं।
  • आज का यूथ किसी के दबाव में नही रहना चाहता है।
देश में स्टार्टअप की संख्या बढ़ती जा रही है और यंगस्टर्स इन स्टार्टअप्स से जुड़ते जा रहे हैं। सभी को सफलता मिले ऐसा ज़रूरी नहीं है। यहां चिंता का विषय यह है कि बचे हुए यूथ के भविष्य का क्या होगा? डब्ल्यू एच ओ की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में हर चार युवाओं में से एक को मेंटल डिसॉर्डर की समस्या है। यूथ से संबंधित इन समस्याओं का सामना कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर किया जा सकता है।
ऐसा करें
  • युवाओं को उनकी पसंद का करियर चुनने की आज़ादी दें ताकि ये किसी प्रकार के दबाव का अनुभव न करें।
  • इनके पॉजि़टिव साइड्स को देखने का प्रयास करें। साथ ही इन्हें नेगटिव माहौल में भी पॉजि़टिव बनने की सलाह दें।
  • जिनकी रुचि खेल-कूद में है, उन्हें खेल से जुड़े विकल्प चुनने का अधिकार दें।
  • परंपराओं को लेकर लचीले बनें ताकि यूथ इनसे अपनी सुविधा के अनुसार जुड़ सके।
  • यंगस्टर्स को सिखाएं कि लोगों से दुश्मनी करने के बजाय वे गलत विचारों से दुश्मनी करना सीखें।
सुजाता
(कनुप्रिया, एग्जि़क्यूटिव डायरेक्टर एंड प्रोड्यूसर से बातचीत पर आधारित)

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.