यूं बढ़ाएं सेल्फ कॉन्फिडेंस
कॉन्फिडेंस मुश्किल से मुश्किल राह को भी आसान बना देता है। किसी भी स्थिति में अपने आप को बूस्ट अप करने के लिए जोश, जज़्बा और आत्मविश्वास का होना बहुत ज़रूरी है। उसके लिए अनुभव के साथ ही और भी कई चीज़ें मायने रखती हैं।
कॉन्फिडेंस मुश्किल से मुश्किल राह को भी आसान बना देता है। किसी भी स्थिति में अपने आप को बूस्ट अप करने के लिए जोश, जज़्बा और आत्मविश्वास का होना बहुत ज़रूरी है। उसके लिए अनुभव के साथ ही और भी कई चीज़ें मायने रखती हैं।
आपकी पर्सनैलिटी को बनाने में
आस-पास का माहौल और लोग भी का$फी हद तक जि़म्मेदार होते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आज के ज़माने में ख़्ाूबसूरती से ज़्यादा स्मार्टनेस और कॉन्फिडेंस मैटर करता है। प्रोफेशनल लाइफ हो या पर्सनल, अगर आपमें कॉन्फिडेंस है, तो सब कुछ आसान लगने लगता है। बस कुछ आसान से टिप्स अपनाकर आत्मविश्वास को बढ़ाया जा सकता है।
-आप जिस तरह से ड्रेसअप होते हैं, उसका इफेक्ट भी आपके कॉन्फिडेंस लेवल पर पड़ता है। इसलिए सेल्फ-कॉन्फिडेंस का पहला स्टेप है-ड्रेस वेल। आप जितने इम्प्रेसिव दिखेंगे, आपका कॉन्फिडेंस लेवल उतना ज़्यादा होगा। जब भी आप सही से ड्रेस-अप नहीं होते, आप न तो किसी से बात करते व$क्त कंफर्टेबल फील करते हैं और न ही कहीं बाहर जाकर। इसलिए ज़रूरी है कि जगह के हिसाब से आपका आउटफिट भी सही हो। साथ ही आपके कपड़े सा$फ हों और उनमें सिलवटें न हों।
-आपके बात करने के अंदाज़ के हिसाब से ही सुनने वाला रिएक्ट करता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप सोच-समझकर बोलें, सही शब्दों का प्रयोग करें, जिससे सामने वाले को आपकी बात समझ में आ जाए। इससे आपको पॉजि़टिव रिस्पॉन्स मिलेगा और आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा। प्रोफेशनल और पर्सनल लेवल पर बातचीत का अंदाज़ अलग होना चाहिए।
-डेवलपमेंट के लिए अच्छी एजुकेशन बहुत ज़रूरी है। आप जितने पढ़े-लिखे होंगे, समाज में आपका उतना रुतबा होगा, पहचान होगी और आपको सम्मान मिलेगा। इससे आपका सेल्फ-कॉन्फिडेंस बढ़ता है। दोस्त, ऑफिस में साथी और परिवार वाले भी आपका सम्मान करते हैं। ज़्यादा पढ़ाई मतलब ज़्यादा सैलरी के चांसेस। लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि पढ़ाई के साथ-साथ मैनर्स भी ज़रूरी हैं।
-सेल्फ कॉन्फिडेंस और नॉलेज को बढ़ाने के लिए ज्य़ादा से ज्य़ादा ट्रैवल करना भी ज़रूरी है। ऐसा करने से आपको
अलग-अलग कल्चर और रीति-रिवाजों की जानकारी मिलती है। आप नए लोगों से मिलते हैं, तो आप बहुत कुछ नया भी सीखते हैं। आप नई भाषा भी सीखते हैं। अधिक जानकारी होने से स्वाभाविक तौर पर आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है। ट्रैवल करने से आपके मन में नए विचार आते हैं और आपमें अपने फैसले खुद लेने का विश्वास आता है।
-आपको अपने कल्चर के बारे में पता होना चाहिए। आप जहां रहते हैं, वहां का परिवेश कैसा है, उसकी क्या ख़्ाासियत है, आपको यह सब पता होना चाहिए। इंडिया का कल्चर तो इतना डाइवर्स है कि उसके बारे में जान कर ही आप गर्वित हो जाएंगे। उससे आपका सेल्फ-कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा।