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इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर अपने सपनों को पूरा करने की हसरत ने हर्षिता श्रीवास्तव को एक आम लड़की से नॉवलिस्ट बना दिया। बचपन में डायरी लिखने की हैबिट ने उनके पैशन को पंख दिए थे, जिसके सहारे वे उड़ान भरती गईं और अब हर रोज़ आकाश की नई बुलंदियों
इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर अपने सपनों को पूरा करने की हसरत ने हर्षिता श्रीवास्तव को एक आम लड़की से नॉवलिस्ट बना दिया। बचपन में डायरी लिखने की हैबिट ने उनके पैशन को पंख दिए थे, जिसके सहारे वे उड़ान भरती गईं और अब हर रोज़ आकाश की नई बुलंदियों को छू रही हैं। हर्षिता से एक ख़्ाास मुलाकात...।
लिखने के सफर की शुरुआत कहां से हुई?
स्कूल डेज़ में मैं डायरी लिखा करती थी। धीरे-धीरे डायरी राइटिंग मेरी आदत बन गई। फिर इश्यूज़ पर लिखने लगी। इंजीनियरिंग डेज़ में मैंने ब्लॉग्स लिखना शुरू कर दिया था। एक जगह इंटर्नशिप के दौरान कुछ राइटर्स का इंटरव्यू लेने का मौ$का मिला, जिससे राइटिंग कम्यूनिटी का आइडिया मिल गया था।
आपके अभी तक के प्रोजेक्ट्स?
'वन इन अ मिलियन मेरा डेब्यू नॉवल था और उसके बाद 'बैड रोमैंस' भी रीडर्स ने का$फी पसंद किया था। इनके अलावा 'मूनलिट मैटिनी' सीरीज़ की दो बुक्स मैंने एडिट की थीं। थर्ड बुक में भी मेरी एक स्टोरी है।
आपकी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
मैं अपने सपनों को जी रही हूं। जो कर रही हूं, अपने मन से कर रही हूं। इसलिए अपने काम को एंजॉय भी करती हूं। लोगों से तारीफें मिलती हैं। रीडर्स भी बढऩे लगे हैं। यही मेरी उपलब्धि और ख़्ाुशी है।
क्या लिखना पसंद है?
'व्हॉटएवर हिट्स माइ सोल'। ह्यूमन साइकोलॉजी पर लिखना अच्छा लगता है। ..मुझे घूमना भी पसंद है। एक ट्रैवल बुक पर काम कर रही हूं।
यूथ के लिए मेसेज?
जो भी करिए, दिल से करिए। अपने सपनों को पूरा करिए और कभी भी हार मत मानिए।
दीपाली पोरवाल