जीतने की जिद- करन सिंह
नाम के आगे 'मैजिक' का राज? मेरा नाम करन सिंह है। इसके पीछे मैजिक जोड़ने की एक वजह है-मैजिक मेरा प्रोफेशन ही नहीं पैशन भी है। तकरीबन तीन साल का था, दादा जी ने मुझे मैजिक की एबीसीडी बताई। हालांकि उस समय मैं बहुत छोटा था, लेकिन मेरी मैजिकल जर्नी वहीं से शुरू हो गई। पहला मैजिक शो कब किया?
नाम के आगे 'मैजिक' का राज?
मेरा नाम करन सिंह है। इसके पीछे मैजिक जोड़ने की एक वजह है-मैजिक मेरा प्रोफेशन ही नहीं पैशन भी है। तकरीबन तीन साल का था, दादा जी ने मुझे मैजिक की एबीसीडी बताई। हालांकि उस समय मैं बहुत छोटा था, लेकिन मेरी मैजिकल जर्नी वहीं से शुरू हो गई।
पहला मैजिक शो कब किया?
यह मैंने अपने फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में किया था। उस समय मेरी उम्र 16 साल थी। उस दिन खूब अप्रीसिएशन मिला था, पर मेरे घर वाले परेशान थे। वे यही सोच रहे थे कि मैं पढ़ाई छोड़कर मैजिशियन बन जाऊंगा। उनका डर स्वाभाविक था। हर पेरेंट्स ऐसा ही सोचेंगे। सबका सपना होता है डॉक्टर-इंजीनियर या ऐसे ही नामी प्रोफेशन चुनना। मैं पेरेंट्स की अपेक्षाओं से अलग जा रहा था।
पेरेंट्स को कैसे मनाया, आपको कितना सक्सेस मिला?
मैं अपनी जिद पर अड़ा रहा। मेरे बड़े भाई इंजीनियर हैं। वे सिंगापुर में हैं। वे भी मुझे खूब कन्विंस करते रहते। अंतत: सब हार गए। मेरी मां एडवरटाइजिंग फर्म में है। उन्होंने ही मेरा पहला क्लाइंट दिलाया। मैंने दुनिया की बड़ी आइटी कंपनियों मसलन, एपल, गूगल, इंटेल आदि के यहां मैजिक शोज किए हैं। इसके अलावा, विदेशों में भी काफी शोज किए हैं।
यूथ को क्या कहेंगे?
जिस भी फील्ड में आप हैं, उसे ज़्यादा से ज्यादा एक्सप्लोर करें। यह याद रखें कि किसी भी काम के लिए पैशन जरूरी है। यदि आपमें यह नहीं, तो आपकी कामयाबी अधूरी है।
(सीमा झा)