लाइफ एक चार्टर्ड एकाउंटेंट की
इनका पूरा दिन बड़े-बड़े हिसाब-किताब में बीतता है। हर पल चौकन्ना और सजग रहकर ऑडिट करना इनके काम में शुमार है। जी हां चार्टर्ड एकाउंटेंट के ऊपर मल्टिपल एकाउंट्स का जिम्मा होता है। ऐसे में यह कैसे रखते हैं अपनी सेहत और डाइट का खयाल? क्या होना और क्या नहीं होना चाहिए उनकी डाइट में, बता रही हैं फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर डाइटीश्ि
इनका पूरा दिन बड़े-बड़े हिसाब-किताब में बीतता है। हर पल चौकन्ना और सजग रहकर ऑडिट करना इनके काम में शुमार है। जी हां चार्टर्ड एकाउंटेंट के ऊपर मल्टिपल एकाउंट्स का जिम्मा होता है। ऐसे में यह कैसे रखते हैं अपनी सेहत और डाइट का खयाल? क्या होना और क्या नहीं होना चाहिए उनकी डाइट में, बता रही हैं फोर्टिस हॉस्पिटल की सीनियर डाइटीशिटन शिप्रा सकलानी।
दिनचर्या : मैं पिछले 10साल से इस प्रोफेशन में हूं। मुझे ऑडिट करना होता है। इस कारण घंटों डेस्क से चिपके रहना पड़ता है। मूवमेंट कम होने के कारण अकसर एसिडिटी, सिरदर्द और लीवर फैटी होने जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।
मैं सुबह 5.45पर उठ जाता हूं। उसके बाद 6-7 बजे तक एक घंटा टहलने और एक्सरसाइज के लिए जाता हूं। पंद्रह मिनट वॉक करता हूं और 30-40 मिनट बैडंिमंटन खेलता हूं। आठ बजे घर से ऑफिस के लिए निकल जाता हूं।
ब्रेकफस्ट : सुबह 7.45 पर ब्रेकफस्ट में आमतौर पर 1-2 चपाती/ परांठा और सब्जी होती है। साथ में किसी फल का एक-दो पीस भी ले लेता हूं। मुझे ऑफिस पहुंचने में एक से डेढ़ घंटा समय लगता है। समय मिलता है तो बीच में कोई फल खा लेता हूं।
लंच : आमतौर पर लंच से पहले मैं एक कप चाय पीता हूं। फिर दोपहर 1बजे 3-4 परांठा, सब्जी और सैलेड लेता हूं। खाना खाने के 15-20 मिनट बाद बाहर वॉक के लिए जाता हूं। बाहर जाने का समय नहीं मिलता तो 1-2फ्लोर सीढ़ी उतर-चढ़ लेता हूं।
स्नैक्स : 3-4बजे के बीच चाय के साथ चिप्स या बिस्किटस वगैरह लेता हूं। शाम 6.30 बजे ऑफिस से घर के लिए निकलता हूं और हाइवे पर करीब 7.30 बजे पिज्जा या तंदूरी चिकेन वगैरह लेता हूं। उसके बाद 9 बजे तक घर पहुंच जाता हूं।
डिनर : मैं नॉनवेजटेरियन हूं इसलिए सप्ताह में 2-3 दिन नॉनवेज खाता हूं। रात 9.30-9.45 के बीच डिनर में चावल और नॉनवेज या सब्जी के साथ 3-4 चपाती लेता हूं। मैं स्मोकिंग नहीं करता, न ही एल्कोहॉल लेता हूं। लेकिन कोल्ड ड्रिंक्स चिप्स और भुजिया मेरी पसंदीदा चीजें हैं इसलिए इन्हें अकसर लेता हूं।
डॉ. शिप्रा सकलानी मिश्रा
सीनियर क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट
-दो साल पहले इन्हें नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर डिजीज हुई थी। इसलिए सबसे पहले इन्हें दोबारा लीवर फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए, क्योंकि ये जंक फूड खूब ले रहे हैं। ऑयली, जंक्स और स्पाइसी जीजें ले रहे हैं जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।
-इनके खाने में भी लंबा गैप होता है। जैसे ब्रेकफस्ट के बाद लंच के बीच में काफी गैप होता है। प्रत्येक दो घंटे में कुछ हेल्दी खाएं ताकि ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल और शुगर लेवल कंट्रोल रहे।
-इनका वजन 5 कलो ज्यादा है। इसलिए इन्हें वजन कम करना चाहिए।
-यह परांठा, नॉनवेज और जंक फूड लेते हैं इसलिए इनकी डाइट में सैचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा है। सैचुरेटेड फैट रूम टेंपरेचर में जम जाता है। तो यह हमारी आर्टरीज में भी जम सकता है। डाइट में फाइबर की कमी और सैचुरेटेड वसा अधिक हो तो यह आर्टरीज में जमने लगता है। इंससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट की फंकशनिंग को बाधित करता है।
-कोल्ड ड्रिंक्स में हाइफ्रप्टोज कॉर्नसिरप होता है। इससे वजन बढ़ता है और फैटी लीवर होने के चांसेज होते हैं। इनकी हाइट के हिसाब से वजन 58-60 के करीब होना चाहिए।
-फैट कंटेंट लेने के कारण एसिडिटी होगी। सीने में जलन की समस्या भी इसी कारण होती है। लंबे समय तक खाली पेट के कारण भी सिरदर्द हो सकता है।
-ओमेगा फैटी एसिड अपनी डाइट में लें। मसलन 5 बादाम भीगे हुए, 5 पिस्ता बिना नमक वाले, 2अखरोट रोजाना लें। इसलिए कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा और लीवर का फैट भी हटेगा। पर्याप्त कच्चा सैलेड लें। एक्सरसाइज बढ़ा दें। हो सके शाम को भी वॉक करें। 2-3 साबुत फल लें मसलन 250ग्राम पपीता भी ले सकते हैं।
-दिनभर में 2-3लीटर पानी जरूर पिएं। पर्याप्त सब्जियां लें। आम, केला, चीकू, खजूर, लीची और अंगूर हाई कैलरी फूड होते हैं इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में लें।
सप्ताह में एक बार 100 ग्राम ग्रिल्ड या रोस्ट की हुई मछली या चिकेन ले सकते हैं। राजमा, चना, उरद और सैलेड पर्याप्त मात्रा में लें ताकि फाइबर पहुंचने से पेट भरा लगे और जंक फूड की तरफ आकर्षित न हों। चाय के बजाय नीबू पानी और नारियल पानी लें।