प्रोसेस्ड फूड से रहें हमेशा दूर
इनके बिना म्यूजिक शो अधूरे हैं। इनकी बीट्स पर पैर अपने आप थिरकने को मजबूर हो जाते हैं। अपनी उम्दा बीट्स से लोगों को जोश से भर देने वाले ड्रमर अपनी ही धुन में रहते हैं। यह नाइट शो में एक तरफ लोगों को संगीतमय कर देते हैं तो दिन
इनके बिना म्यूजिक शो अधूरे हैं। इनकी बीट्स पर पैर अपने आप थिरकने को मजबूर हो जाते हैं। अपनी उम्दा बीट्स से लोगों को जोश से भर देने वाले ड्रमर अपनी ही धुन में रहते हैं। यह नाइट शो में एक तरफ लोगों को संगीतमय कर देते हैं तो दिन में नई-नई धुनों को ईजाद करने में जुटे रहते हैं। इन्हें सोने का बहुत कम समय मिलता है। आखिर कैसी होती है इनकी लाइफस्टाइल डीडी ने की पड़ताल। साथ ही डायटीशियन से जाना खानपान का सही तरीका।
दिनचर्या : सच बताऊं तो मेरा कोई रुटीन ही नहीं है। दरअसल मेरा रुटीन काम पर निर्भर करता है। मैं देर रात तक जागता हूं। अकसर लाइव नाइट शो/ परफॉर्मेंस होते हैं। इसलिए रात में जागने की आदत पड़ गई है। जिस दिन काम नहीं होता उस दिन भी रात में नींद नहीं आती। दिमाग में बीट्स / धुनें चलती रहती हैं।
मैं इस प्रोफेशन में पिछले चार साल से हूं। मैं दिन को सोता हूं और रात में जागता हूं। हमारे ग्रुप में 4-5 सदस्य हैं। हमारे ग्रुप का नाम है 'डेल्ही ड्रमर्स'।
मेरा प्रोफेशन ऐसा है जिसमें कई बार हमें बाहर जाना पड़ता है। महीने में 4-5 बार प्रोग्राम दिल्ली के बाहर होता है। सप्ताह में दो बार एकसाथ प्रैक्टिस करते हैं जिसके चलते आमतौर पर बाहर का खाना ही खाता हूं। मैं पहले ड्रिंक लेता था लेकिन अब नहीं। लेकिन अपने काम की वजह से मुझे कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स रहती हैं। मुझे इन्सोम्निया, इनडाइजेशन, एसिडिटी और सिरदर्द की प्रॉब्लम रहती है। मैं ह$फ्ते में तीन बार शाम को 6-7 बजे योग $जरूर करता हूं। लेकिन इसके अलावा अन्य एक्सरसाइ$ज नहीं कर पाता। आमतौर पर मेरे दिन की शुरुआत सुबह 11 बजे होती है।
ब्रेकफस्ट : इतनी देर से उठता हूं कि ब्रेकफस्ट का समय नहीं होता। उठकर सीधे ब्लैक टी पीता हूं।
लंच : ब्रेकफस्ट के बाद लगभग 1.30 बजे लंच करता हूं। मैं बंगाली और नॉन वेजटेरियन हूं। मछली के बिना रह नहीं सकता। इसलिए लंच में फिश-राइस और दाल जरूर होते हैं।
स्नैक्स : 4-5 बजे के बीच चाय या कॉफी पीता हूं।
डिनर : रात 11 बजे खाने में मटन/ चिकेन या फिश के साथ 3-4 चपाती और सैलेड लेता हूं।
डॉ. सुनीता रॉय,सीनियर डायटीशियन,
-जॉय जब सुबह (11 बजे) उठते हैं तो एक-दो ग्लास गुनगुना पानी पी लें तो बेहतर होगा। उसके बाद ब्लैक टी के साथ सूजी रस्क या हाइ फाइबर बिस्किट जरूर लें।
-लंच और ब्लैक टी के बीच में 200 ग्राम ताजे फल खाएं, क्योंकि उनकी दिनचर्या में सब्जियां या फल शामिल नहीं हैं।
-फिश और राइस के साथ दाल की जगह हरी सब्जियां और सैलेड लें।
-शाम 4-5 के बीच में खाली कॉफी न लें। साथ में कुछ रोस्टेड चीजें भुने चने, सूजी रस्क या फिर हाइ फाइबर बिस्किट ले सकते हैं।
-खाली पेट चाय या कॉफी पीने से एसिडिटी होती है, जिससे सिरदर्द होना लाजमी है।
-डिनर में मटन न लें तो बेहतर होगा। 2-3 चपाती के साथ सैलेड, फिश व सब्जी जरूर खाना सही चुनाव होगा।
-अगर देर रात तक जागते हैं तो खाली पेट लंबे समय तक न रहें। ठंडा दूध, छाछ, लस्सी या कोई फल जैसे सेब या नाशपाती, जो सूट करे ले सकते हैं।
-बहुत तेल-घी वाली चीजों से दूर रहें। प्रोसेस्ड और पैकेट फू ड से बचें। मछली खाना पसंद है तो स्टीम्ड, ग्रिल्ड या करी के रूप में लें।
-कार्बोनेटेड पेय पदार्थ न लें।
ज्यादा देर भूखे न रहें। न ही एक साथ बहुत सारा खाएं। यानी व्रत और दावत दोनों ही ठीक नहीं है।
-जब बाहर खाना जरूरी हो चाइनीज, साउथ इंडियन या कॉन्टिनेंटल फूड ही खाएं। इनमें तली हुई चीजें कम रहती हैं।
-जितनी देर जगें। हर घंटे एक ग्लास पानी जरूर पिएं। कम से कम ढाई-तीन लीटर पानी प्रतिदिन पीना जरूरी है।