प्रोटीन डाइट है सही चॉइस
तीन साल की छोटी उम्र से ही विद्युत जामवाल ने मार्शल आर्ट की पुरानी फॉर्म कलारीपयट्टु सीखना शुरू कर दिया था। वे नेशनल लेवल के जिमनास्ट रह चुके हैं। वे रोजाना 6घंटे मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस करते हैं। तीन घंटे सुबह और 3घंटे शाम। फिल्म 'फोर्स' हो या 'कमांडो', उनकी इमेज ऐक्शन हीरो की बन गई है। शानदार फिजीक के कारण वह यंगस्टस
तीन साल की छोटी उम्र से ही विद्युत जामवाल ने मार्शल आर्ट की पुरानी फॉर्म कलारीपयट्टु सीखना शुरू कर दिया था। वे नेशनल लेवल के जिमनास्ट रह चुके हैं। वे रोजाना 6घंटे मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस करते हैं। तीन घंटे सुबह और 3घंटे शाम। फिल्म 'फोर्स' हो या 'कमांडो', उनकी इमेज ऐक्शन हीरो की बन गई है। शानदार फिजीक के कारण वह यंगस्टर्स के लिए आइकन बन गए हैं। यहां वे डीडी के साथ शेयर कर रहे हैं अपने फिटनेस सीक्रेंट्स।
आपकी नजर में फिटनेस?
मेरे हिसाब से स्लिम-टोंड बॉडी ही फिटनेस नहीं है। आप कितने खुश हैं मेंटली कितने फिट हैं, यह सबसे जरूरी है। 8 पैक्स वाला व्यक्ति अगर ना़खुश है तो मैं उसे अनफिट ही मानूंगा। कहने का मतलब यह है कि फिटनेस का मतलब फूड छोड़ना और वजन घटाना ही नहीं होता। अब भीतर से कितने मजबूत हैं, यह भी जरूरी है।
आपका फिटनेस रेजीम?
मैं हर रोज ट्रेनिंग करता हूं। मैं सप्ताह में पांच दिन मार्शल आर्ट ट्रेनिंग करता हूं और दो दिन वेट ट्रेनिंग। मार्शल आर्ट्स में मैं जिमनास्टिक, एक्रोबेटिक्स,स्ट्रीट स्टंट और ट्रिकिंग करता हूं। वेट ट्रेनिंग में लोअर बॉडी ट्रेनिंग, स्कॉट्स, लंजेस, काल्स, रोमन रिंग्स, पैरलेल बार्स और पुश-अप्स करता हूं। मेरा फोकस लोअर बॉडी वर्कआउट्स पर अधिक होता है। खासतौर पर लेग्स और काल्व्स पर जिसके लिए स्कॉट्स और जंप्स करता हूं।
मैं मसल्स स्ट्रेंथ के लिए जिमनास्टिक को बेस्ट मानता हूं। मैं सुबह 6-11बजे तक वर्कआउट करता हूं फिर शाम को 5-9 बजे तक करता हूं।
आपकी डाइट?
जब मैं 14साल का था ंतब से वेजटेरियन हो गया। वेजटेरियन होने के बाद मैं खुद को ज्यादा हेल्दी महसूस करता हूं। यहां तक कि इससे मुझे मानसिक स्तर पर भी लाभ मिला है। वेजटेरियन चीजें जल्दी हजम भी हो जाती हैं। यह मिथ है कि वेजटेरियंस मसल्स बिल्ड नहीं कर सकते। मैं इसे नहीं मानता। मैं बॉडी बिल्कड रहूं, इससे बड़ा प्रूफ और क्या हो सकता है। मैं रोज प्राटीन शेक पीता हूं, लेकिन मेरी डाइट में प्रोटीन का मुख्य स्रोत टोफू है। मैं टोफू ऐसे खाता हूं, जैसे लोग चावल खाते हैं। इसमें चिकेन से कहीं ज्यादा प्रोटीन होता है। मेरा मानना है कि सब कुछ खाना चाहिए, लेकिन मॉडरेट मात्रा में। डाइट में नमक व चीनी दोनों का संतुलन जरूरी है। वरना ऐसा होगा जैसे आप कार को पेट्रोल से तो भर दें, लेकिन सर्विसिंग न कराएं। फिर सोच लें कि कुछ दिन बाद कार का क्या हाल होगा?
मैं दिनभर में छोटे-छोटे छह मील लेता हूं। भारतीय पुरुष खाना खूब शौक से और बिना सोच-समझे खाते हैं, लेकिन जब पॉन्च(टमी) निकल जाता है, तब परेशान हो जाते हैं और वजन घटाने का जुगाड़ खोजने लगते हैं। थोड़ा-थोड़ा खाते रहने से बॉडी फिट रहती है। ऐसे खाना चाहिए जिससे जो अभी आप खा रहे हैैं, 80साल पार करने के बाद भी वैसे खाते रहें। मैं ऑयली फूड और एरेटेड ड्रिंक्स से दूर रहता हूं।
मैं सुबह ट्रेनिंग शुरू करने से पहले एक बोल म्यूसली लेता हूं। प्रैक्टिस के बाद आमतौर पर इडली लेता हूं। लंच में 2-3चपाती, सब्जियां और दाल होते हैं। फिर शाम को ट्रेनिंग से पहले थोड़ा उपमा खाता हूं। हर वर्कआउट सेशन के बाद प्रोटीन शेक लेता हूं। पर्याप्त फल खाता हूं। मैं भोर में उठता हूं और जो भी करता हूं पूरे कॉन्फिडेंस के साथ करता हूं। इसीलिए फिट हूं।
(इला श्रीवास्तव)