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बचें निवेश की आम गलतियों से

मनी मैनेजमेंट के मामले में उन आम गलतियों से आपको बचना चाहिए जिन्हें लोग अकसर दोहराते हैं...।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2016 02:28 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2016 02:32 PM (IST)
बचें निवेश की आम गलतियों से

यंग एज में अकसर लोग मनी मैनेजमेंट के मामले में बेपरवाह रहते हैं। कुछ गलितयां यंगस्टर्स के बीच इतनी कॉमन होती हैं कि वे जानते हुए भी उन्हें दोहराते रहते हैं। जानें कुछ ऐसी गलतियों के बारे में जिनसे बचना ज़रूरी है। उन्हें समझकर आप उनसे बच सकते हैं और अपनी फाइनेंशियल लाइफ को दुरुस्त रख सकते हैं।
देर से सेविंग शुरू करना
ज़्यादातर युवा सेविंग से जुड़ी गलती ज़रूर करते हैं। वे सही समय पर सेविंग्स या इनवेस्टमेंट शुरू नहीं करते। वे सोचते रहते हैं कि अभी तो बहुत समय है, कभी भी शुरू कर लेंगे। कई युवाओं के पास हर महीने थोड़ी रकम निवेश के लायक बचती है लेकिन वे सोचते हैं कि ज़्यादा रकम बचने पर निवेश शुरू करेंगे। निवेश के लिहाज़ से यह बेहद गलत है। इस मामले में बूंद-बूंद सागर बनने की बात सही साबित होती है। आप जितनी जल्दी सेविंग या इनवेस्टमेंट शुरू करेंगे, उतनी ही अच्छी रकम जमा कर पाएंगे। अपने निवेश पर आपको कंपाउंड इंटरेस्ट का अच्छा फायदा मिलेगा। आइडियल स्थिति यह है कि आप जितनी जल्दी और ज़्यादा निवेश करेंगे, उतना ही आगे आपके लिए बेहतर रहेगा।
साल के अंत में निवेश
अकसर ऐसा देखा जाता है कि जॉब करने वाले युवा बिना किसी उचित फाइनेंशियल प्लैनिंग के फरवरी या मार्च में अंतिम समय में जल्दी-जल्दी निवेश करने लगते हैं ताकि उनका टैक्स बच सके। यह हड़बड़ी कई बार नुकसानदेह होती है क्योंकि आप बिना
सोच-विचार किए ऐसे साधनों में पैसा लगा देते हैं, जहां आपको नुकसान हो सकता है। सबसे अच्छा तरीका यह है कि वित्त वर्ष की शुरुआत में ही इस तरह की फाइनेंशियल प्लैनिंग कर लें कि टैक्स बचाने के लिए किन-किन साधनों में निवेश किया जाना आपके लिए ठीक रहेगा।
इनवेस्टमेंट का डायवर्सिफिकेशन न करना
यह भी देखा जाता है कि युवा इनवेस्टमेंट तो करते हैं लेकिन अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ नहीं करते। डायवर्सिफाइ करने का मतलब है कि आपका निवेश शेयर बाज़ार या बॉन्ड जैसे निवेश के किसी एक साधन में सीमित न हो। आपको अपने इनवेस्टमेंट को ईक्विटी यानी शेयर मार्केट, डेट यानी बॉन्ड या एफडी, म्यूचुअल फंड, पीपीएफ, सोना आदि कई साधनों में लगाना चाहिए। डायवर्सिफाइ करने का फायदा यह होता है कि अगर किसी एक साधन में गिरावट का दौर चल रहा हो तो दूसरे साधन से मिलने वाला रिटर्न उसको संभाल लेता है।
क्रेडिट कार्ड का लापरवाही से इस्तेमाल
अकसर युवा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बिना सोचे-समझे करते हैं। क्रेडिट कार्ड की छोटी सी खरीदारी भी आपको मुश्किल में डाल सकती है। आपको हर महीने ड्यू डेट से पहले बकाये का पेमेंट कर देना चाहिए और मिनिमम पेमेंट के लालच में नहीं आना चाहिए। तय डेट पर पेमेंट न करने पर आपकी सिबिल रेटिंग खराब हो सकती है। अकसर आप क्रेडिट कार्ड से उत्साह में ज़्यादा खर्च कर बैठते हैं लेकिन सच तो यह है कि इस तरह से आप अपनी भविष्य की आय को सीमित कर रहे हैं।
इमरजेंसी फंड न बनाना
कई युवा भविष्य के बारे में ज़्यादा नहीं सोचते और उनके पास इमरजेंसी के लिए कोई फंड नहीं होता। यह मनी मैनेजमेंट के लिहाज़ से बेहद गलत है। आपको आकस्मिक ज़रूरतों को पूरा करने या किसी आर्थिक विपत्ति की स्थिति से बचने के लिए एक इमरजेंसी फंड ज़रूर बनाना चाहिए। यह फंड आपकी मंथली इनकम का कम से कम तीन गुना होना चाहिए।
दिनेश अग्रहरि

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