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आई CONFESS

मॉम, मैं यहां आपको बहुत मिस करता हूं। मुझे उस सुबह की बहुत याद आती है, जब आप खुद नाश्ता तैयार कर मुझे खिलाती थीं। दम आलू के साथ पूरियां, अचार और खीर। ओह लाजवाब! यह लिखते हुए भी मुंह में पानी आ रहा है। अब जब मैं जॉब के

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 04 May 2015 12:20 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2015 12:23 PM (IST)
आई CONFESS

मिस मॉम मेड फूड

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मॉम, मैं यहां आपको बहुत मिस करता हूं। मुझे उस सुबह की बहुत याद आती है, जब आप $खुद नाश्ता तैयार कर मुझे खिलाती थीं। दम आलू के साथ पूरियां, अचार और खीर। ओह लाजवाब! यह लिखते हुए भी मुंह में पानी आ रहा है। अब जब मैं जॉब के सिलसिले में गुडग़ांव में रहने लगा हूं तो आपके हाथ के बने सुस्वाद भोजन को बेहद मिस कर रहा हूं। यहां मैं ज्य़ादातर ईटिंग प्वाइंट्स ट्राइ कर चुका हूं, लेकिन रेस्टोरेंट्स, होटेल्स या फिर स्ट्रीट फूड में वह स्वाद कहां, जो आपके खाने में है! आप ऑफिस के लिए तैयार होने के साथ-साथ मेरा नाश्ता भी रेडी करती जाती थीं। सुबह का नाश्ता आप खुद बनाकर मुझे खिलाना चाहती थीं, जो न सिर्फ हेल्दी होता था, बल्कि यमी भी। स्प्राउट्स, सूप को भी आप आकर्षक अंदाज में सर्व करती थीं। मैं कभी-कभी आप पर खीझ भी जाता था और कहता- आप रोज-रोज इन पचड़ों में क्यों पड़ती हैं? किसी दिन मुझे ब्रेड-बटर, टोस्ट या फिर बाहर का खाना तो खाने दीजिए, पर आप सि$र्फ हंसकर मेरी बातों को टाल जातीं। सुबह नाश्ते के समय आपकी बहुत याद आती है मॉम।

रवि

गॉसिप करने से तौबा

मैं अपनी बुरी आदतों से अब तक तौबा नहीं कर पाई हूं तो उसके लिए सि$र्फ मैं जिम्मेदार हूं। अखिलेश, तुमने मुझे कितनी बार समझाया कि गॉसिप करना अच्छी बात नहीं होती है। कई बार तुमने प्यार से समझाकर तो कई बार तेज आवाज में डांट कर मुझसे अपनी आदत सुधारने को कहा था। तुम मुझे अपना दोस्त मानते थे, इसलिए हर कदम पर मुझे समझाते। मैं तुम्हारी बातों को सुनती जरूर थी, लेकिन फॉलो कभी नहीं करती। मैं अकसर ऑफिस आने के बाद दूसरों की सीट के पास खड़े होकर बातचीत करने लग जाती। इस क्रम में या तो मैं कि सी के बारे में दूसरे से सुनी-सुनाई बातें शेयर करने लगती तो कभी फिर अपनी तरफ से नमक-मिर्च लगाकर दूसरों को बताती। अपनी बेकार की बातें कहने के बाद मुझे डर भी लगता कि कहीं कोई गलत ढ़ंग से रिएक्ट न कर जाए। दूसरे दिन सब भूल-भालकर फिर गॉसिप करने में मस्त हो जाती। अब जब तुम दूसरे ऑफिस में शिफ्ट कर चुके हो तो 'आई एम वेरी सॉरी टु यूÓ कहने का साहस जुटा पाई हूं। मैं तुमसे प्रॉमिस करती हूं कि इस साल मैं $खुद को बदलने की कोशिश करूंगी। मैं गॉसिप करने की बुरी आदत को सदा के लिए अलविदा कह दूंगी। जानती हूं कि जब तुम मेरी बुरी आदतों को सुधार लेने के बारे में जानोगे तो का$फी $खुश होगे।

रोशनी


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