आई CONFESS
उन दोनों की बातों को एक कान से सुनता और दूसरे से निकाल देता। मुझे लगता कि यदि ड्राइविंग का मजा लेना है तो बाइक तेज चलानी पड़ेगी। उस समय दोस्त भी मेरा उत्साह बढ़ा देते। उस रात भी मैं फुल स्पीड में बाइक चला रहा था।
उन दोनों की बातों को एक कान से सुनता और दूसरे से निकाल देता। मुझे लगता कि यदि ड्राइविंग का मजा लेना है तो बाइक तेज चलानी पड़ेगी। उस समय दोस्त भी मेरा उत्साह बढ़ा देते। उस रात भी मैं फुल स्पीड में बाइक चला रहा था। तभी सामने से एक कार आ गई। ब्रेक लेने के बावजूद बाइक कार से टकरा गई। मेरी जान तो बच गई, लेकिन दोनों पैर अब नाकाम हो चुके हैं। ऐसी मुश्किल घड़ी में भी आप दोनों मेरे सामने हंसते-खिलखिलाते रहते हैं और मुझे बूस्टअप करते रहते हैं। पर मैं जानता हूं कि अकेले होने पर आप दोनों खूब रोते हैं। काश! मैंने आप दोनों की बातें अनसुनी न की होती।
राहुल
नेगेटिव बातों से तौबा
श्वेता, मुझे अपनी $गलती का एहसास हो चुका है। तुम मुझे बार-बार समझाती कि हमेशा नेगेटिव बातें मत बोला करो। नकारात्मक बातें हमारी पर्सनैल्टी को प्रभावित करती हैं। अगर हम हमेशा बुरा सोचेंगे, तो हमारे साथ बुरा होने की आशंका अधिक होती है। मैं न सि$र्फ नेगेटिव बातें बोलती, बल्कि हमेशा मुंह भी लटकाए रखती। जब भी तुम मुझे नसीहतें देती, मैं मन ही मन कहा करती कि तुम्हें तो लेक्चर देने की आदत है। जॉब के सिलसिले में मैंने कई ऑफिसों में इंटरव्यू दिए थे। आज जब चौथी बार एक कंपनी ने मुझे रिजेक्ट किया, तो मुझे तुम्हारी बात याद आ गई। इंटरव्यू बोर्ड में आज मुझसे कहा गया कि आपकी प्रा$ेफाइल बढिय़ा है, लेकिन आपकी बातें नेगेटिव प्रतीत होती हैं। क्या एक हताश, निराश व्यक्ति कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है? हरगि$ज नहीं। बेहतर हो कि इंटरव्यू फेस करने से पहले आप किसी मनोवैज्ञानिक से मिलें। इंटरव्यूअर की यह बात सुनकर मेरे पैरों तले $जमीन खिसक गई। मैं वहां से निकलने के बाद खूब रोई। पर मैं तुमसे प्रोमिस करती हूं कि आज से मैं नेगेटिव बातों को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। हमेशा पॉ$िजटिव बोलने की कोशिश करूंगी। दीपिका