ड्राइविंग में सावधानी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, भारतीय सड़कें ड्राइविंग के लिए सबसे ज़्यादा अनसेफ हैं। रिसर्च आंकड़े बताते हैं कि 70 फीसदी रोड एक्सीडेंट्स ड्राइवर की गलती से होते हैं।
हर दिन सड़क पर 30 लाख से अधिक वाहन सड़कों पर उतरते हैं, इसमें छोटे से लेकर बड़े वाहन तक, सब शामिल हैं। अगर इन वाहनों को चलाने वाले ड्राइवर्स ट्रेंड नहीं होंगे तो दुर्घटना होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इनमें से ज़्यादातर ड्राइवर बिना किसी फॉर्मल ट्रेनिंग के ड्राइव कर रहे हैं और यही मुख्य वजह है सड़क दुर्घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी की। गाड़ी आप खुद चला रहे हों या ड्राइवर हायर किया हुआ हो, कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ज़रूरी होती हैं। जानिए उनके बारे में।
टेस्ट द ड्राइवर
ड्राइवर रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है। उसका ड्राइविंग लाइसेंस देखने के साथ ही उससे गाड़ी चलवाकर भी देख लेना चाहिए। कई वाकयों में दुर्घटना होने के बाद पता चलता है कि ड्राइवर के पास कोई फॉर्मल ट्रेनिंग थी ही नहीं। ऐसे ड्राइवर्स भी हैं, जो जुगाड़ के ज़रिये अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते हैं। किसी को हायर करने से पहले उससे ड्राइव करवाकर भरोसा कर लें कि वह कैसी ड्राइव करता है।
कंसल्ट प्रीवियस एंप्लॉयर
अगर कोई ड्राइवर यह बोलता है कि उसने पहले भी कहीं ड्राइवर की नौकरी की है तो उसके पुराने एंप्लॉयर से ज़रूर बात कर लें। इससे आपको आइडिया लग जाएगा कि वह कैसा ड्राइवर है, उसकी ड्राइविंग स्किल्स के साथ ही उसका व्यवहार और पुराना रिकॉर्ड भी आप जान सकेंगे। कई बार ऐसा होता है कि खराब व्यवहार या दुर्घटना होने के कारण इनको निकाल दिया जाता है और अगली जॉब में ये इस महत्वपूर्ण बात को छुपा जाते हैं।
व्हेन यू आर ड्राइविंग...
अगर खुद ड्राइव करते हों तो ध्यान रहे कि ट्रैफिक रूल्स से आप परिचित हों। अगर आप अपरिपक्वता के साथ ड्राइव करेंगे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है इसलिए किसी भी तरह की गलती करने से बचें। सड़क पर गाड़ी लेकर तभी उतरें जब आप ड्राइविंग से भली-भांति परिचित हो चुके हों। ड्राइविंग सीखने के लिए ट्रेनिंग स्कूल जॉइन कर सकते हैं।
डोंट ड्राइव अदर्स व्हीकल्स
कई लोगों की आदत होती है कि अपनी ड्राइविंग स्किल दिखाने के लिए दूसरों की गाडिय़ां चलाने लगते हैं। यह बहुत डेंजरस होता है क्योंकि हर गाड़ी को चलाने का तरीका अलग होता है। ऐसा न हो जाए कि ट्रायल के चक्कर में आपको लेने के देने पड़ जाएं। उसके व्हीकल को तो नुकसान पहुंचेगा ही, आपको भी चोट लग सकती है।
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