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चेहरा बताए दिल का 'स्टेटस'

सोशल साइट्स पर पल-पल अपडेट होते स्टेटस बस व्हॉट्स ऑन योर माइंड का जवाब नहीं होते। इनके जरिये यूथ कहते हैं दिल की बात और अनजाने ही खोल देते हैं दिल के राज भी! सीमा झा की एक रिपोर्ट.

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 06 Jul 2016 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jul 2016 02:46 PM (IST)
चेहरा बताए दिल का 'स्टेटस'

कंट्रास्ट, ब्राइटनेस और शार्पनेस ली हुई रंगीन फोटो, मस्तमौला सेल्फी, ब्लैक एंड व्हाइट या किसी धुंधलके से झांकती तसवीरें। शुभ्रा को स्टेटस अपडेट करने के साथ एक सेल्फी या तसवीर ऐड करने में खूब मज़ा आता है। तसवीर के साथ लिखे गए उसके वनलाइनर्स भी क्रिएटिव होते हैं.. कुछ संदेश देते हुए। जैसे 'ओनली माई नेम इज़ इनफ, माई साइलेंस इज़ माई एटीट्यूड, आई एम अ लिमिटेड एडिशन, गॉड इज़ बिज़ी राइट नाउ, मे आई हेल्प यू' आदि। ऐसी तसवीरों या वनलाइनर्स पर जब लाइक्स, रिएक्शंस और लच्छेदार शब्दों की चाशनी से लिपटे कमेंट्स सजते हैं तो शुभ्रा के मुताबिक, यह उसे एक अलग तरह की खुशी देता है। उसे लगता है कि लोग उसे प्यार करते हैं और उसकी क्रिएटिविटी का आदर भी होता है उनके मन में। केवल शुभ्रा ही नहीं, फोटो या क्रिएटिव स्टेटस अपडेट करते रहने का यह जुनून यूथ का फेवरिट फन है। लेकिन इन एडिट किए गए चेहरों या बातों के पीछे से अकसर एक और चेहरा झांकता रहता है जो नज़र नहीं आता। एक्सपर्ट की मानें तो चाहे प्रोफाइल पिक्चर हो या आपका स्टेटस, ये अकसर वही नहीं होते जो इनके ज़रिये आप बताना चाहते हैं। इनके पीछे आपके व्यक्तित्व का वह पहलू भी झांक रहा होता है जिसे आप खुद नहीं जानते या जिससे अवेयर नहीं रहते।
फन न बन जाए फितूर
दिल्ली स्थित सर गंगा राम हॉस्पिटल की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आरती आनंद कहती हैं, 'वर्चुअल वल्र्ड में दखल न हो तो बड़ी चीज़ 'मिसिंग' लगती है, लेकिन कब यह लत बन जाता है एहसास नहीं होता और हम चुपके से अपने ही राज़ खोलते रहते हैं।' यह सही है कि अपनी तसवीरों या पोस्ट्स पर मिलने वाले लाइक्स-कमेंट्स आपकी सेल्फ एस्टीम में भी इज़ाफा करते हैं।
पर ऐसा न हो कि फोटो फन और स्टेटस अपडेट के चक्कर में आप इसके एडिक्ट हो जाएं। यदि ऐसा होता है तो फन फितूर बन जाता है। जब तक नई तसवीर या स्टेटस अपडेट नहीं होता, आपको बेचैनी रहती है। लाइक्स और कमेंट्स न मिलें तो सेल्फ एस्टीम भी कमतर महसूस होती है।
डॉ. आरती के मुताबिक, 'ज़रूरी नहीं कि आपके मन में जो भी आए, उसे अपडेट करें या जो तसवीरें आपको अच्छी लगें, उन्हें शेयर करें। जब ऐसा लगे कि आप एडिक्ट हो रहे हैं या कंट्रोल नहीं हो रहा तो खुद ही इसका हल निकाल सकते हैं। न कर पाएं तो काउंसलिंग भी ले सकते हैं।'

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करियर पर असर

सोशल साइट्स व्यक्तित्व की पहचान से जुड़ी होती हैं। यहां तक कि नौकरियां देने से पहले नियोक्ता कैंडिडेट्स के प्रोफाइल्स खंगालने लगे हैं।

एक करियर वेबसाइट के मुताबिक, 2013 में महज़ 39फीसदी नियोक्ताओं ने कैंडिडेट की प्रोफाइल को देखा तो 2015 में यह आंकड़ा 52फीसदी तक हो गया।

क्या कुछ कहती हैं तसवीर

रंगीन तसवीरें

ऐसे यूज़र पॉजि़टिव और खुले विचारों वाले होते हैं जो छोटी-छोटी बातों को दिल से नहीं लगाते।

ब्लैक एंड व्हाइट तसवीरें

धुंधली या ब्लैक एंड व्हाइट तसवीरें लगाने वाले यूज़र्स वास्तविक भावनाओं को छुपाना चाहते हैं। ये रहस्यमयी किस्म के होते हैं।

सेल्फी

सेल्फी कई तरह की होती हैं और हर सेल्फी अलग राज़ खोलती है। नो मेकअप सेल्फी कॉन्फिडेंट पर्सनैलिटी बताती है तो फिल्टर्ड सेल्फी कमज़ोर आत्मविश्वास की ओर संकेत करती है।

निजी तसवीर

अपनी निजी जिंदगी की तसवीरों को अपलोड करने वाले यूज़र के बारे में कहा जाता है कि वे अकसर रिश्तों के मामले में असुरक्षित महसूस करते हैं।

प्रेरक संदेश से सजी तसवीरें

ऐसे संदेश देने वाले यूज़र हिम्मती और पॉजि़टिव होते हैं।

गॉथिक आर्ट से भरी तसवीरें

ये जटिल और काफी हद तक रहस्यमयी लोग होते हैं जिनके बारे में कुछ समझ पाना कठिन होता है।

एक टूल की तरह ट्रीट करें

मैंने सोशल मीडिया के ज़रिये ही अभिनय की दुनिया में कदम रखा। यह एक उदासीन टूल है। इसे इसी तरह ट्रीट करें। हावी न होने दें। खुद को दुनिया के सामने कैसे पेश करते हैं, यही आपकी स्ट्रेंथ है। वर्चुअल दुनिया से प्रभावित हो जाना आसान है लेकिन इसकी मदद से अपनी एक पहचान बनाना मुश्किल काम।

साहिर शेख, टीवी आर्टिस्ट


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