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सर्द शामों की गर्म यादें

दोस्त हमारी जि़ंदगी तो ख़्ाूबसूरत बनाते ही हैं, असंख्य यादें भी देते रहते हैं। सर्दियों की यादें वैसे भी हमेशा ही कुछ अलग और ख़्ाास होती हैं। कभी ठंडे पानी की बातें होती हैं तो कभी बिना स्वेटर-जैकेट घूमने का अनुभव। किसी को सर्दियों में भी आइसक्रीम खाना पसंद होता

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2016 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2016 04:05 PM (IST)
सर्द शामों की गर्म यादें

दोस्त हमारी जि़ंदगी तो ख़्ाूबसूरत बनाते ही हैं, असंख्य यादें भी देते रहते हैं। सर्दियों की यादें वैसे भी हमेशा ही कुछ अलग और ख़्ाास होती हैं। कभी ठंडे पानी की बातें होती हैं तो कभी बिना स्वेटर-जैकेट घूमने का अनुभव। किसी को सर्दियों में भी आइसक्रीम खाना पसंद होता है तो कोई हमेशा चाय की दुकानें ही ढूंढता रहता है। जानते हैं दिल्ली के युवाओं से कि उन्हें किस तरह से याद हैं सर्दियों की अपनी शामें।

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दोस्त बनाते हैं यादगार

हॉस्टल में रहने के कारण बाहर तो कम ही जा पाती हूं। सर्दियों में कंबल के अंदर घुस कर जितनी मस्ती कर लेते हैं, उतनी बाहर कर भी नहीं पाएंगे। गर्मागर्म मूंगफलियों के साथ ही हम आपस में ढेरों बातें शेयर करते हैं। उसके अलावा $फोन में बढिय़ा सॉन्ग्स चला कर म्यूजि़क भी एंजॉय करते हैं। फ्रेंड्स के साथ गपशप करते हुए टाइम का पता ही नहीं चलता और नई यादें भी बनती जाती हैं।

जब नहाया ठंडे पानी से

पिछले साल की सर्दियों की बात है, घर में एक पूजा रखी गई थी। पापा ने सुबह 4 बजे ही नहाने के लिए उठा दिया था। मैं बार-बार टालता रहा और जब तक मेरा नंबर आया, गर्म पानी ख़्ात्म हो चुका था। मजबूरी में ठंडे पानी से ही नहाना पड़ा। उसके बाद सबक मिल गया था कि किसी भी काम या बात को टालते नहीं रहना चाहिए।

ठिठुरी थी रात भर

मुझे सर्दियां बहुत पसंद हैं। फ्रेंड्स के साथ दोपहर में भी घूमने का मौ$का जो मिलता है। जब मैं कोटा के एक हॉस्टल में थी, वहां एंट्री टाइम रात में 9 बजे तक का था। मैं अपनी फ्रेंड्स के साथ सुबह 10 बजे हॉस्टल से निकली थी,

लौटते-लौटते कब 11 बज गए, पता नहीं चला था। हॉस्टल गेट तो बंद हो ही चुका था। हमने पूरी रात ठिठुरते हुए एक पार्क की बेंच पर बिताई थी।

सर्द शामों में गर्म चाय

सर्दियों की ख़्ाासियत यह होती है कि दोपहर में भी घर लौटने की टेंशन नहीं होती है। सुबह दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता हूं, पूरा दिन मस्ती करने के बाद रात में 9 बजे तक घर लौट आता हूं। रास्ते भर चाय की दुकानें ढूंढने में भी बड़ा मज़ा आता है। एक बार फेमिली के साथ वैष्णो देवी गया था। वहां हालात कुछ ऐसे हो गए थे कि भाई के साथ एक ही वॉशरूम में ठंडे पानी से नहाना पड़ गया था।

फ्रेंड का वह बर्थडे

सर्दियों की बात ही अलग होती है। यह मौसम शायद यादें बनाने के लिए ही होता है। एक फ्रेंड का बर्थडे सेलब्रेट करने के लिए हॉस्टल की का$फी लड़कियां उसके रूम में इक_ïा हुई थीं। जैसा कि हमेशा होता है, हम सब एक दूसरे को केक लगा रहे थे। तभी किसी ने सब पर कोल्ड ड्रिंक डालना स्टार्ट कर दिया। सिवाय बर्थडे गर्ल के सबके कपड़े ख़्ाराब हो चुके थे। रात में गर्म पानी भी नहीं मिल पाया था, जिसकी वजह से सबको ठंडे पानी से ही नहाना पड़ा था।

दीपाली पोरवाल


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