संभल कर सोशल हों...
सोशल नेटवर्किंग साइट्स और एप्स पर बढ़ती डिपेंडेंसी कहीं न कहीं युवाओं के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। यूं तो सोशल होना बिलकुल भी बुरा नहीं है, पर ज़रा सी भी लापरवाही आपको साइबर क्राइम का शिकार बना देती है। कैसे रखें अपने प्रोफाइल को सेफ, इस
सोशल नेटवर्किंग साइट्स और एप्स पर बढ़ती डिपेंडेंसी कहीं न कहीं युवाओं के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। यूं तो सोशल होना बिलकुल भी बुरा नहीं है, पर ज़रा सी भी लापरवाही आपको साइबर क्राइम का शिकार बना देती है। कैसे रखें अपने प्रोफाइल को सेफ, इस बारे में डीडी ने जानी युवाओंं की राय।
अकाउंट सिक्योर रखती हूं
मैं ज्य़ादातर फेसबुक और व्हॉट्सएप पर ही एक्टिव रहती हूं। इनके अलावा और भी कई एप्स हैं, पर मैं उन्हें ज्य़ादा यूज़ नहीं करती। इन एप्स और साइट्स से कनेक्टिविटी के लिए एक बेहतर प्लैटफॉर्म मिल जाता है। मैं अपना व्हॉट्सएप नंबर हर किसी को नहीं देती हूं, क्योंकि लोग वहां से प्रोफाइल $फोटो डाउनलोड कर लेते हैं। व्हॉट्सएप सि$र्फ बहुत ही क्लोज़ लोगों के लिए रखती हूं। एक बार एक फ्रेंड ने मेरी फेसबुक आई डी हैक कर ली थी। तब से मैंने अपने अकाउंट की सिक्योरिटी सेटिंग चेंज कर दी है। अब मैं पहले की तरह हर किसी को ऐड भी नहीं करती हूं।
अलर्ट रहती हूं अब
मैं व्हॉट्सएप से ज्य़ादा फेसबुक का यूज़ करती हूं। उसका $फायदा यह होता है कि उसके थ्रू मैं दूसरी कंट्रीज़ के लोगों से भी बात कर सकती हूं। मेरे कई फ्रेंड्स हैं जो इंडिया से बाहर हैं, फेसबुक से मैं उनके टच में रहती हूं। $फोन पर बात करना महंगा पड़ जाता है, नेट पैक्स ने हमारी उस प्रॉब्लम को का$फी कम कर किया है। एक बार किसी ने मेरी $फोटोज़ डाउनलोड कर फेक अकाउंट बना दिया था। मैंने उसकी रिपोर्ट फाइल करवा दी थी, जिस पर एक्शन भी लिया गया था। तब से बहुत अलर्ट हो गई हूं।
टाइम वेस्टेज है फेसबुक
मैं व्हॉट्सएप ज्य़ादा यूज़ करती हूं। मुझे ऐसा लगता है कि फेसबुक पर टाइम बहुत वेस्ट होता है ओर वह ज्य़ादा सेफ मीडियम भी नहीें है। मेरे अकाउंट में कभी कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई, पर फिर भी फेसबुक मुझे रिस्की बहुत लगता है। वहीं व्हॉट्सएप पर आराम से अपने फ्रेंड्स और फेमिली मेंबर्स को ऐड कर उनसे बात की जा सकती है। मैं जब शॉपिंग करने या आउटिंग पर जाती हूं, तब वहां से अपने कज़ंस को $फोटोज़ भेज देती हूं। अब तो व्हॉट्सएप के कॉलिंग फीचर का भी आराम से यूज़ किया जा सकता है।
बेस्ट सोशल मीडियम्स हैं
मेरे ख़्ायाल से लोगों से कनेक्ट रहने के लिए फेसबुक और व्हॉट्सएप, दोनों ही बेहतरीन मीडियम्स हैं। व्हॉट्सएप पर शेयरिंग ज्य़ादा ईज़ी है, इसलिए अब लोग उसका यूज़ ज्य़ादा करने लगे हैं। एक बार किसी ने मेरी डिटेल्स लेकर फेसबुक पर मेरे नाम से फेक प्रोफाइल बना दिया था। तब मुझे का$फी दिक्$कतोंं का सामना करना पड़ा था। फिर मैंने उसकी रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। तुरंत स्ट्रिक्ट एक्शन लिया गया था। तब से मैंने फेसबुक का इस्तेमाल करना थोड़ा कम कर दिया है।
प्राइवेसी है ज़रूरी
मैं फेसबुक और व्हॉट्सएप, दोनों को ही का$फी ध्यान से यूज़ करती हूं। आजकल लोग बिना पूछे व्हॉट्सएप पर ग्रुप में ऐड कर लेते हैं। जिस भी ग्रुप से मुझे डिस्टर्बेंस होता है, मैं उससे तुरंत एग्जि़ट कर देती हूं। फेसबुक पर कुछ भी पोस्ट करते टाइम मैं प्राइवेसी सेट कर देती हूं। कभी-कभी लिस्ट्स बना कर कस्टम भी कर देती हूं। हर कोई न तो मुझे फ्रेंड रिक्वेस्ट सेंड कर सकता है और न ही मेसेज। व्हॉट्सएप पर भी सि$र्फ वही लोग मेरा स्टेटस और $फोटो देख सकते हैं जिनका नंबर मेरे $फोन में सेव हो।
दीपाली पोरवाल