ख़्ाूबसूरती... जलाने का ज़रिया!
लंदन में हुए एक सर्वे के मुताबिक लड़कियां अपनी सहेलियों को जलाने और उन पर रौब जमाने के लिए सजती-संवरती हैं। डीडी ने इस बारे में दिल्ली के युवाओं की राय जानी।
लंदन में हुए एक सर्वे के मुताबिक लड़कियां अपनी सहेलियों को जलाने और उन पर रौब जमाने के लिए सजती-संवरती हैं। डीडी ने इस बारे में दिल्ली के युवाओं की राय जानी।
ज़रूरी तो नहीं...
मुझे नहीं लगता कि लड़कियों के लिए उनकी सहेलियों की राय इतनी महत्वपूर्ण होती है। अगर उन्हें किसी स्टाइल में तैयार होना अच्छा लगता है तो वे उसे अपनाती हैं। वे अपनी सहेलियों से सलाह ज़रूर लेती हैं पर हमेशा उसे मानें ही, यह ज़रूरी नहीं है।
अपनी ख़्ाुशी है अहम
मैं इस सर्वे से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं। मुझे लगता है कि लड़कियां अपनी ख़्ाुशी के लिए सजती-संवरती हैं। जब वे ख़्ाूबसूरत लगती हैं तो उनका आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है।
किसी को जलाने का या प्रभावित करने का उनका कोई मकसद नहीं होता।
अंदाज़ अपना-अपना
मेरे लिए अपनी ख़्ाुशी सबसे ज्य़ादा ज़रूरी है। अगर मेरा किसी विशेष अंदाज़ में ड्रेसअप करने का मन करता है तो मैं उस अंदाज़ को अपनाती हूं। यह नहीं सोचती कि वह दूसरों को अच्छा लगेगा या नहीं।
आख़्िार यह हर लड़की का अधिकार है। जब मैं अच्छी दिखती हूं, तो मेरा मूड भी अच्छा रहता है।
ख़्ाूबसूरत दिखने की आज़ादी
मुझे लगता है कि ख़्ाूबसूरत दिखना हर लड़की का अधिकार है। आज ज्य़ादातर लड़कियों में इतनी समझ है कि उन पर क्या अच्छा लगता है और क्या नहीं।
दूसरों को जलाने की प्रवृत्ति अब लड़कियों में बहुत कम पाई जाती है। अब वे बेहद सजग हैं और अपना ध्यान रचनात्मक कामों में लगाती हैं।
जैसे मौ$का वैसा लुक
मेरे हिसाब से हर लड़की का अपना अलग ड्रेसिंग स्टाइल होता है और वह इसी के अनुरूप सजती-संवरती है। मैं तो हमेशा अपनी सुविधा और मूड के हिसाब से ड्रेसअप होती हूं। अगर मैं किसी पार्टी में जा रही हूं तो ग्लैमरस परिधान पहनती हूं। लेकिन अगर बस में ट्रैवल करने जा रही हूं तो हरगिज़ आइ कैंडी बनना पसंद नहीं करती।
ज्योति द्विवेदी