गूगल मैप की मदद से कंटेनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया हुई तेज
कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण को समुदाय में फैलने से रोकने की दिशा में पश्चिमी जिला प्रशासन अब गूगल मैप की मदद ले रहा है। असल में प्रशासन ने जिले को छोटे-छोटे ब्लॉक में विभाजित कर दिया है ताकि जिस भी ब्लॉक में चार या उससे अधिक संक्रमण के मामले सामने आए तो तुरंत उसे कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया। इसके पीछे प्रशासन का उद्देश्य छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाना है ताकि आसपास के क्षेत्र की गतिविधियां प्रभावित न हो। इसमें गूगल मैप प्रशासन के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है। नोडल ऑफिसर रामचंद्र ने बताया कि पहले कंटेनमेंट जोन बनाने में प्रशासन को दो से तीन दिन का समय लग जाता था। टीम को बकायदा क्षेत्र में जाकर इसकी पूरी रणनीति बनानी पड़ती थी। इससे न सिर्फ समय का नुकसान होता था बल्कि कार्रवाई होने में भी समय लग जाता था।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण को समुदाय में फैलने से रोकने की दिशा में पश्चिमी जिला प्रशासन अब गूगल मैप की मदद ले रहा है। असल में प्रशासन ने जिले को छोटे-छोटे ब्लॉक में विभाजित कर दिया है, ताकि जिस भी ब्लॉक में चार या उससे अधिक संक्रमण के मामले सामने आए तो तुरंत उसे कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया। इसके पीछे प्रशासन का उद्देश्य छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाना है, ताकि आसपास के क्षेत्र की गतिविधियां प्रभावित न हो। इसमें गूगल मैप प्रशासन के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है।
नोडल ऑफिसर रामचंद्र ने बताया कि पहले कंटेनमेंट जोन बनाने में प्रशासन को दो से तीन दिन का समय लग जाता था। टीम को बकायदा क्षेत्र में जाकर इसकी पूरी रणनीति बनानी पड़ती थी। इससे न सिर्फ समय का नुकसान होता था, बल्कि कार्रवाई होने में भी समय लग जाता था। पर अब गूगल मैप की मदद से दो से तीन घंटे के भीतर कंटेनमेंट जोन बनाने का ऑर्डर निकाल दिया जाता है। जल्दी कार्रवाई होने से संक्रमण फैलने का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। जिले को छोटे-छोटे ब्लॉक में विभाजित करने से अब ये पता लगा पाना आसान हो गया है कि किस जगह पर मामले अधिक है, ताकि स्वास्थ्य विभाग वहां सतर्कता बरत सके। दक्षिणी-पश्चिमी जिले में कंटेनमेंट जोन : दक्षिणी-पश्चिमी जिले में 36 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके है। जिसमें चार कंटेनमेंट जोन को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा चार कंटेनमेंट जोन कापसहेड़ा स्थित उपायुक्त कार्यालय के सामने ठेके वाली गली, गली नंबर-1 राजनगर पार्ट-2 पालम, पूरन नगर पालम कॉलोनी व गली नंबर-2 सागरपुर में कुछ छूट दे दी गई है। अब यहां जेड-ब्लॉक सूरखपुर रोड, ए-28 दीप एंक्लेव पार्ट-2 विकासपुरी, गली नंबर-46 साध नगर पालम कॉलोनी, गली नंबर-3 कांगनहेड़ी गांव, डीजी-3 ब्लॉक विकासपुरी, एफ-ब्लॉक विकासपुरी, गली नंबर-2 वीर नगर वेस्ट सागरपुर, बी-396/29 महावीर एंक्लेव पार्ट-2, ओल्ड भगत जिम वाली गली बिजवासन फ्लाईओवर के पास, गली नंबर-2 सागरपुर वेस्ट, गली नंबर-41 साध नगर पालम कॉलोनी, डी-153 सहयोग विहार डीके मोहन गार्डन, गली नंबर-14 न्यू जनकपुरी उत्तम नगर, गली नंबर-32 इंदिरा पार्क पालम कॉलोनी, दुर्गा मंदिर के पीछे मधु विहार, गली नंबर-2 महावीर एंक्लेव, गली नंबर-75 महावीर एंक्लेव, ए-65 मंगलापुरी फेज-2, रत्नाकर अपार्टमेंट द्वारका सेक्टर-4, गली नंबर-1 कैलाशपुरी पालम कॉलोनी, मदरासी कॉलोनी गोपाल नगर एक्सटेंशन नजफगढ़, गोपाल नगर नजफगढ़, न्यू हीरा पार्क नजफगढ़, गली नंबर-2 कापसहेड़ा, गली नंबर-3 मामा भांजा चौक कापसहेड़ा, एचएन167 घुम्मनहेड़ा गांव, द्वारका सेक्टर-22 स्थित क्लासिक अपार्टमेंट को कंटेनमेंट जोन के अंतर्गत रखा गया है। पश्चिमी जिले में 24 कंटेनमेंट जोन : पश्चिमी जिले में अभी तक 37 कंटेनमेंट बनाए जा चुके है। जिसमें 14 कंटेनमेंट जोन को कोरोना मुक्त घोषित किया जा चुका है। जिसमें पंजाबी बाग सब-डिवीजन में फिलहाल पांच, पटेल नगर सब-डिवीजन में नौ और राजौरी गार्डन सब-डिवीजन में दस कंटेनमेंट जोन शामिल है। तिलक विहार तिलक नगर, टी-609/एच बलजीत नगर, एसएच/18/282 न्यू मोती नगर, 2094 5ए गली नंबर-17 प्रेम नगर, जी-14 वेस्ट पटेल नगर, बी-59 टीएफ मोती नगर, 37/542 मोती नगर, सी-30 न्यू मोती नगर, 29/23 और 29/24 वेस्ट पटेल नगर, 19ए अशोक मोहल्ला नांगलोई, डी-70 गली नंबर-10 शिव राम पार्क नांगलोई, सी-244 ज्वालापुरी नांगलोई, 33सी माधबन एंक्लेव एनआईजी फ्लैट्स मादीपुर, वाईएफ-14 शिवा एंक्लेव पश्चिम विहार, 2/395 सुभाष नगर, 2/386 सुभाष नगर, बी-126 टैगोर गार्डन एक्सटेंशन, डब्ल्यूजेड-76 ततारपुर टैगोर गार्डन, जेसी-37सी हरि नगर, ए-59ए हरि नगर, हाउस नंबर-9 अशोक नगर, जे-13/30 राजौरी गार्डन, वी-258 वी-263 वी-276 राजौरी गार्डन, हाउस नंबर-1/181 सुभाष नगर को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।