AAP ने पूछा, फोन टैपिंग मामले में चुप क्यों है मोदी सरकार?
फोन टैैपिंग मामले की जांच मेंं केंंद्र सरकार की मंशा पर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाए हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। फोन टैैपिंग मामले की जांच मेंं केंंद्र सरकार की मंशा पर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाए हैं। पार्टी नेता आशुतोष का आरोप है कि एस्सार फोन टैैपिंंग मामले की जानकारी औपचारिक और अनौपचारिक दोनोंं ही तरीके से प्रधानमंंत्री को दी गई है बावजूद इसके वह चुप क्योंं हैंं।
पत्रकारोंं से बातचीत के दौरान आशुतोष ने कहा कि केंंद्रीय मंत्रियो, उद्योगपतियोंं और कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स सहित देश की बड़ी हस्तियोंं के 2001 से 2006 के बीच फोन टैैप किए गए। जिन लोगोंं का फोन टैैप किया गया उसमेंं मौजूदा रेल मंंत्री सुरेश प्रभु, पूर्व मंंत्री प्रफुल्ल पटेल, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक, रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी टीना अबानी, प्रमोद महाजन और अमर सिंंह सहित दो सौ लोग शामिल हैं।
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हजारोंं घंटो की टैैपिंग मेंं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ है। बातचीत मेंं यह भी साफ है कि कैसे कुछ लोगोंं ने देश के लोकतंंत्र को कुछ बड़े औद्योगिक हाथों मेंं गिरवी रख दिया है, कैसे देश की महत्वपूर्ण योजनाओंं को कुछ उद्योगपति अपनी सुविधा और फायदे के लिए अपने अनुसार बनवाते नज़र आ रहे हैं।
आशुतोष ने कहा कि इस साल मार्च महीने मेंं शिकायतकर्ता ने केंंद्रीय वित्तमत्री अरूण जेटली से मुलाकात कर साक्ष्य दिए थे। वकील सुरेन उप्पल ने एक जून 2016 को प्रधानमंंत्री के पास इसकी लिखित जानकारी दी जिसको बाकायदा डायरी भी कराया गया है।
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आप प्रवक्ता आशुतोष ने कहा कि सुरेन उप्पल को यह जानकारी एस्सार ग्रुप के उसी कर्मचारी से मिली है जिसने यह कॉल टैैप किए थे। सब कुछ सामने होने के बाद भी मोदी सरकार की चुप्पी सवाल पैदा कर रही है।