डीजल वाहनों पर रोक के लिए क्या कदम उठाए ? NGT को बताएगी दिल्ली सरकार
दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन को लेकर आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई होगी। आज की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को बताना होगा कि उसने दिल्ली में आने वाले वाहनों की जांच के लिए क्या कदम उठाये हैं?
नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन को लेकर आज नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई होगी। आज की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को बताना होगा कि उसने दिल्ली में आने वाले वाहनों की जांच के लिए क्या कदम उठाये हैं?
दिल्ली-एनसीआर में जारी रहेगी 15 साल पुराने वाहनों पर रोक
इसके साथ दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को एनजीटी के समक्ष तथ्यों के साथ यह भी आंकड़ा पेश करना होगा कि पिछले दो सालों के दौरान दिल्ली की सड़कों पर कुल कितने डीजल वाहन उतरे हैं? इनमें कमर्शियल वाहनों का आंकड़ा भी पेश करना होगा।
पुराने डीजल वाहन मालिकों को 13 जुलाई तक राहत
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई (12 अगस्त) में एनजीटी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार ने वाहनों को बैन करने से जुड़े अपने पूर्व निर्णय में किसी भी प्रकार के बदलाव से इंकार कर दिया था।
हरियाणा में 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक
इस मामले पर हुई सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि दिल्ली में पर्यावरण की स्थिति को देखते हुए पुराने निर्णय में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। हालांकि पुराने वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए या नहीं, इस पर दिल्ली सरकार और संबंधित अथॉरिटी ही निर्णय करेगी।
7 अप्रैल को लगाई थी डीजल वाहनों पर रोक
7 अप्रैल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की बैंच ने निर्णय सुनाते हुए वाहनों पर प्रतिबंध के साथ ही दिल्ली और एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों के फिटनेस प्रमाणपत्र भी जारी नहीं करने का आदेश दिया था।
वहीं एनजीटी ने एनसीआर से जुड़े हरियाणा और उत्तर प्रदेश के संबंधित आरटीओ को 10 साल पुराने डीजल वाहनों की सूची सौंपने को कहा था। उल्लेखनीय है कि पिछले साल एनजीटी 15 साल पुरानी पेट्रोल कारों को दिल्ली की सड़कों पर उतारने पर पाबंदी लगा चुकी है।