नगर निगमों पर हमारा आठ हजार करोड़ से ज्यादा बकाया : दिल्ली सरकार
मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल 5 मई 2016 को केद्र को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुके हैं कि यह पैसा नगर निगमों को दिया जाए। मगर पैसा नहीं दिया गया। केंद्र सरकार के 14 वें वित्त आयोग के अनुसार सभी राज्यों को 4
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : नगर निगमों द्वारा दिल्ली सरकार से अपना 13 हजार करोड़ रुपये का बकाया फंड मांगे जाने के बीच दिल्ली सरकार ने भी कहा है कि उसका नगर निगमों पर 8596 करोड़ बकाया है। इसमें सरकार द्वारा दिया गया ऋण और जल बोर्ड का 2596 करोड़ का पानी का बिल शामिल है। मंगलवार को दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि हमें नगर निगमों से ये रुपये लेने हैं।
दस्तावेजों के अनुसार नगर निगमों ने दिल्ली सरकार से ऋण लिया है। यह ऋण 2012 में 2060 करोड़ था। मार्च 2018 में जारी की गई सीएजी (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार उस समय दिल्ली सरकार का नगर निगमों पर यह ऋण 3815 करोड़ हो गया था। नगर निगमों ने इसमें से एक भी पैसा दिल्ली सरकार को नहीं दिया। दिल्ली सरकार के शहरी विकास की रिपोर्ट के अनुसार 27 अक्टूबर 2020 की तारीख में यह ऋण ब्याज सहित 6008 करोड़ हो गया है। तीनों नगर निगमों पर दिल्ली जल बोर्ड का 2596 करोड़ पानी का बिल का बकाया है। नगर निगमों ने एक भी पैसा नहीं दिया है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 12 जून 2020 को एक आदेश में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कहा था कि दिल्ली सरकार नगर निगमों को आठ करोड़ रुपये दे दे और इस राशि का भविष्य में सटलमेंट कर ले। यानी कि कोर्ट ने भी माना कि दिल्ली सरकार पर नगर निगम का कोई बकाया नहीं है। जहां तक दिल्ली सरकार को मिलने वाले टैक्स में नगर निगम की हिस्सेदारी का मामला है तो पांचवें वित्त आयोग के अनुसार दिल्ली सरकार से साढ़े 12 फीसद टैक्स नगर निगम को मिलता है। जिसके अनुसार अभी तक नगर निगमों को 1965 करोड़ बनता था। जिसमें से 1752 करोड़ दिया जा चुका है। शेष बचा हुआ 213.3 करोड़ भी शीघ्र दे दिया जाएगा।