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दिव्यांग छात्रों के आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध : जेएनयू

दिव्यांग छात्रों के आरक्षण में कटौती करने का दावा करने वाली याचिका पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। जेएनयू ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि दिव्यांग छात्रों के नामांकन में पांच फीसद आरक्षण के नियमों का कभी उल्लंघन नहीं किया गया। जेएनयू ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 08:50 PM (IST)
दिव्यांग छात्रों के आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध : जेएनयू
दिव्यांग छात्रों के आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध : जेएनयू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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दिव्यांग छात्रों के आरक्षण में कटौती करने का दावा करने वाली याचिका पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। जेएनयू ने मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि दिव्यांग छात्रों के नामांकन में पांच फीसद आरक्षण के नियम उल्लंघन नहीं किया गया। जेएनयू ने कहा कि दिव्यागों को पांच फीसद सीट देने के लिए प्रतिबद्ध है।

वहीं, जावेद अबीदा फाउंडेशन की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया था कि वर्तमान समय में जो नामांकन का दौर चल रहा है उसमें पांच फीसदी से भी कम दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटें हैं, जबकि दिव्यांगों के लिए कम से कम पांच फीसद सीट आरक्षित होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि कई फैकल्टी में 2.5 फीसदी से भी कम सीट आरक्षित रखी गई है। सभी मिलाकर के 4.86 फीसदी सीट ही आरक्षित है। लिहाजा जेएनयू को नियम के हिसाब से दिव्यांगों के लिए पांच फीसदी सीट आरक्षित करने का निर्देश दिया जाए।


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