हम भी खोलना चाहते बॉर्डर, लेकिन जनता की भी चिंता : केजरीवाल
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवासी कामगारों के मामले में केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह हमेशा बॉर्डर खोलने के पक्ष में रहे हैं। अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है तो बॉर्डर क्यों सील किया जाए। हालांकि, उन्हें राजधानी के लोगों की भी चिंता है, जिसे दूर करने के लिए ही उन्होंने पिछले सप्ताह बॉर्डर सील कर जनता से सुझाव मांगे थे। इसमें जनता चाहती है कि दिल्ली सरकार के दस हजार बेड स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रहें। जनता ने बेहतर सुझाव दिए हैं, जिस पर सरकार अमल करेगी। जनता को अब कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। केजरीवाल ने यह बातें बृहस्पतिवार को एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान कही हैं।
प्रवासी कामगारों के मामले में केंद्र पर साधा निशाना मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों के मामले में केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कामगारों को भेजने की प्रक्रिया देरी से शुरू की गई, यदि इसे एक माह पहले शुरू किया जाता तो हजारों लोगों को पैदल नहीं चलना पड़ता। उस समय संक्रमण का खतरा भी कम था। अब तक 4:50 लाख लोग गृह राज्य जा चुके हैं, हालांकि, अर्थ व्यवस्था का पहिया घूमने के बाद अब कामगार दिल्ली छोड़ना नहीं चाहते हैं।
दंगे के हर आरोपित को मिले सजा
उत्तर-पूर्वी जिले में हुए दंगे के मामले आप विधायक अमानतुल्लाह खान के ट्वीट को लेकर किए गए सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि दंगे के जो भी आरोपित हैं। उन्हें गिरफ्तार कर सजा दिलाई जानी चाहिए। वह चाहें किसी भी जाति समुदाय या पार्टी से हो उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए। ¨हदू मुस्लिम की राजनीति नहीं होनी चाहिए। दरअसल अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट किया था कि ताहिर हुसैन को मुसलमान होने की सजा मिल रही है। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू के आप में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि वह आते हैं तो पार्टी में उनका स्वागत होगा। हालांकि, अभी तक उनको ऐसी कोई जानकारी नहीं है।