10 साल से प्यासा है दिल्ली का एक गांव, मजबूरी में घर छोड़ रहा आम आदमी
10 साल से दिल्ली का एक गांव प्यासा है। गांव के 50 परिवार यहां से पलायन करने को मजबूर हैं।
नई दिल्ली। विकास का दम भरने वाली दिल्ली की इस हकीकत के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। दुनिया की तमाम सुविधाओं से लैस यह शहर लोगों की मूलभूत जरूरतें पूरी करने में नाकाम है। 10 साल से दिल्ली का एक गांव प्यासा है। गांव के 50 परिवार यहां से पलायन करने को मजबूर हैं।
दिल्ली का घुमनहेड़ा गांव की हकीकत हैरान करने वाली है। पानी की किल्लत का आलम यह है कि मजबूरी में अब इस गांव के लोग यहां से पलायन कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब इस गांव को लोग छेड़कर जा रहे हों, हर साल गर्मियों में पानी की समस्या से परेशान करीब 4 से 5 परिवार गांव को अलविदा कहते रहे हैं।
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गांव में जिनके घर पहले हैं वहां पानी की सप्लाई बेहतर है लेकिन बीच के हिस्से से लेकर आखिरी छोर तक पानी पहुंचता ही नहीं है। यह समस्या पिछले कई सालों से चली आ रही है। गांव में रहने वाले लोग कपड़े और बर्तन धुलने जैसे कामों के लिए बोरवेल वाटर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन पीने लायक पानी मिलना यहां की सबसे बड़ी समस्या है।
गांव की हकीकत तो आपको सामने है लेकिन अब जरा पानी को लेकर सियासी रुख की बात करते हैं। विधानसभा चुनाव में आम आजमी पार्टी ने पानी को चुनावी मुद्दा बनाया। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस मुद्दे ने पार्टी को नई ताकत तो दी लेकिन आज पानी की समस्या को लेकर हालात जस के तस बने हुए हैं। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के हर परिवार को हर महीने 20 हजार लीटर मुफ्त पानी देने का वादा किया। लेकिन घुमनहेड़ा गांव की यह हकीकत हैरान करने वाली है।
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आप विधायक ने बताया सियासी साजिश
विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की। गुलाब सिंह आम आदमी पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधायक गुलाब सिंह का कहना है कि गांव के लोगों के पलायन को सियासी मुद्दा बनाया जा रहा है और पानी को लेकर गांव में किसी तरह की समस्या नहीं है। उन्होंने कहा दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनने के बाद पानी की समस्या को लेकर सुधार हुआ है।