Move to Jagran APP

मिंटो रोड की घटना से खुली जल निकासी की पोल

-कई जगहों पर सीवर व बरसाती नाले हैं ध्वस्त -सीवर का पानी नालों में जाने से होता है जलभराव

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 10:52 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 10:52 PM (IST)
मिंटो रोड की घटना से खुली जल निकासी की पोल
मिंटो रोड की घटना से खुली जल निकासी की पोल

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

prime article banner

पिछले दिनों बारिश में मिंटो रोड पर जलभराव की घटना ने दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी व ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है। असल में यहां बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। यदि आइआइटी दिल्ली द्वारा तैयार ड्रेनेज मास्टर प्लान और उसके सुझावों पर अमल किया जाता तो शहर में जलभराव की स्थिति नहीं होती। पर आइआइटी के सुझावों को लेकर सरकारी महकमा गंभीर नहीं है।

आइआइटी ने बकायदा अध्ययन कर ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार किया था। जिसमें यह बात कही गई है कि कई जगहों पर सीवर का पानी बरसाती नालों में व नालों का पानी सीवर लाइन में गिरता है। यह दोनों ही परिस्थितियों में जल व सीवर निकासी के लिए उचित नहीं है। बड़े नालों का अंतिम सिरा छोटे नालों से जुड़ा है

आइआइटी के अध्ययन में कहा गया है कि कई जगहों पर अधिक क्षमता वाले बड़े नालों का अंतिम सिरा छोटे नालों से जुड़ा है। जो जल जमाव का सबसे बड़ा कारण है। उदाहरण के तौर पर आया नगर में बड़े नाले का पानी कम क्षमता वाले छोटे नाले में गिरता है। इस वजह से बारिश अधिक होने पर छोटे नालों का पानी ओवरफ्लो होकर बाहर आने लगता है। मिंटो रोड के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। 2400 एमएम के ड्रेनेज को बंद कर जल निकासी छोटे नाले से शुरू कर दी गई। इसके अलावा यह भी पाया गया कि कई जगहों पर नालों में पानी के बहाव की दिशा प्राकृतिक ढलान के विपरीत है। नालों की डिजाइन में भी खामी है। इसके अलावा अतिक्रमण भी बड़ी समस्या है।

इसके मद्देनजर आइआइटी ने सरकार को सुझाव दिया था कि बरसाती नालों को महत्वपूर्ण सरकारी संपत्ति समझा जाना चाहिए। उस पर किसी भी सूरत में अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। इसके लिए संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। कई नालों को पूरी तरह या कुछ हद तक ढक दिया गया है। ऐसे नालों की सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है। बरसात का पानी निकालने के लिए सीवर का मेनहोल खोलकर पानी निकालने पर प्रतिबंध जरूरी है। इसके अलावा आइआइटी ने नालों में निर्माण को भी जल निकासी में बड़ा अवरोध बताया है। कई जगहों पर नालों में फ्लाईओवर के पिलरों का निर्माण किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK