वर्चुअल बैठक से तय होगी प्रदूषण नियंत्रण की रूपरेखा
लॉकडाउन के दौरान मिली प्रदूषण नियंत्रण की नई राह के बीच वर्ष 2020-2021 के लिए सालाना कार्ययोजना भी इस बार वर्चुअल बैठक से तय होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के इतिहास में पहली बार बोर्ड बैठक वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए होने जा रही है। नौ जून को रखी गई इस बैठक में दिल्ली-एनसीआर सहित देश भर के लिए प्रदूषण नियंत्रण की रूपरेखा तय की जाएगी।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली :
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान मिली प्रदूषण नियंत्रण की नई राह के बीच वर्ष 2020-2021 के लिए सालाना कार्ययोजना भी इस बार वर्चुअल बैठक से तय होगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के इतिहास में पहली बार बोर्ड बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए होने जा रही है। नौ जून को रखी बैठक में दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर के लिए प्रदूषण नियंत्रण की रूपरेखा तय की जाएगी। सीपीसीबी की यह 190वीं बोर्ड बैठक यूं तो वर्ष की पहली तिमाही में होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण नहीं हो पाई थी। लॉकडाउन में वायु ही नहीं, जल और ध्वनि प्रदूषण तक अपने निम्न स्तर पर आ गया। प्रकृति के अदभुत नजारे ही नहीं, पक्षियों की चहचहाहट, नीले आसमान, इंद्रधनुष का भी हर कोई गवाह बना। इस सारी स्थिति पर सीपीसीबी ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार की।
बताया जाता है कि अगले एक वर्ष के लिए जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उसमें इन रिपोर्ट्स का भी आधार रहेगा। कोशिश ऐसे ही कदम उठाने की रहेगी, जिनसे भविष्य में भी प्रदूषण को नियंत्रण में ही रखा जा सके। सीपीसीबी के नए चैयरमेन शिवदास मीणा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ज्यादातर प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दिए जाने की संभावना है।
कोरोना के कारण पहली बार बोर्ड बैठक वर्चुअल हो रही है। उम्मीद है कि इस बैठक में वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल और ध्वनि प्रदूषण से जुड़े तमाम प्रस्तावों पर भी मंजूरी के साथ काम शुरू हो जाएगा।
-डॉ. अनिल गुप्ता, सदस्य, सीपीसीबी