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नमो देव्यै-महा देव्यै : गरीब व प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को उड़ान दे रहीं वीना जाजोरिया

करोलबाग के देव नगर की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता वीना जाजोरिया गरीब व प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को उड़ान दे रही हैं। वह किताब कॉपी और अन्य जरूरी सामानों से मदद करने के साथ शिक्षा की दौड़ में प्रतिशाली बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए कोचिग कक्षाएं भी लगवाती है। ताकि गरीब घर के बच्चे आर्थिक तंगी के कारण जिदंगी में ऊंची छलांग लगाने से वंचित न रह सकें। इसी तरह लॉकडाउन में उन्होंने जरूरतमंदों की राशन दवा व दूध के साथ ही अन्य सामानों से दिल खोलकर मदद की। ताकि उनके घरों में भी चूल्हा जल सकें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:50 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:50 AM (IST)
नमो देव्यै-महा देव्यै : गरीब व प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को उड़ान दे रहीं वीना जाजोरिया
नमो देव्यै-महा देव्यै : गरीब व प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को उड़ान दे रहीं वीना जाजोरिया

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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करोलबाग के देव नगर की रहने वाली सामाजिक कार्यकर्ता वीना जाजोरिया गरीब व प्रतिभाशाली बच्चों के सपनों को उड़ान दे रही हैं। वह किताब, कॉपी और अन्य जरूरी सामानों से मदद करने के साथ शिक्षा की दौड़ में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए कोचिग कक्षाएं भी लगवाती हैं ताकि गरीब घर के बच्चे आर्थिक तंगी के कारण जिदंगी में ऊंची छलांग लगाने से वंचित न रह सकें। इसी तरह लॉकडाउन में उन्होंने जरूरतमंदों की राशन, दवा व दूध के साथ ही अन्य सामानों से दिल खोलकर मदद की ताकि उनके घरों में भी चूल्हा जल सकें।

जाजोरिया तकरीबन 15 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में है। वह खुद बच्चों की कक्षाएं लेती हैं। उनके साथ तकरीबन 15 वॉलंटियर्स भी हैं, जो शिक्षा की अलख जगाने में लगे हुए हैं। उन्होंने साकेत, उत्तम नगर और तिलक नगर में कोचिग सेंटर स्थापित किए हैं, जहां छात्रों की नि:शुल्क तैयारी कराई जाती है। वॉलंटियर्स कमजोर विषयों की चुनौतियों से छात्रों को पार कराते हैं। जल्द ही इस तरह की कक्षा करोलबाग में लगाने की तैयारी है। जो छात्र परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है।

वह कहती हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना व लॉकडाउन ने शिक्षा के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी की हैं। कई गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चों के पास पाठ्यक्रम के साथ पढ़ाई जारी रखने के लिए जरूरी सामान नहीं थे। इसी तरह ऑनलाइन कक्षाओं के लिए इंटरनेट या स्मार्ट फोन तक नहीं थे। ऐसे छात्रों को मदद पहुंचाने की उन्होंने पूरी कोशिश की। कई छात्रों को अपने ऑफिस में जगह, इंटरनेट और लैपटाप दिए, ताकि वह ऑनलाइन माध्यम से कक्षाओं में मौजूदगी दर्ज करा सकें।

वह कहती हैं कि उनके घर से कई लोग शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं इसलिए उन्हें शिक्षा का महत्व पता है। अगली पीढ़ी को शिक्षित कर ही समाज व देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। इसमें उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिलता है। इसी तरह सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने तथा उसका लाभ उठाने को लेकर भी वह अभियान चलाती रहती हैं।


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