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Delhi News: वसंत विहार सुसाइड केस में घर की दीवार पर लिखा था, यहां जहरीली गैस है लाइटर ना जलाएं

आत्महत्या के लिए तीनों ने घर को गैस चैंबर में बदल दिया था। घर में मिले मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से पता चला है कि इन लोगों ने घर को गैस चैंबर में तब्दील करना यू-ट्यूब से सीखा था।यह भी सीखा कि जहरीली गैस बनाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 08:14 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 08:14 PM (IST)
Delhi News: वसंत विहार सुसाइड केस में घर की दीवार पर लिखा था, यहां जहरीली गैस है लाइटर ना जलाएं
बीमारी ने कर दिया कंगाल हादसे के लिए रची थी पूरी साजिश

नई दिल्ली [अरविंद द्विवेदी]। दिल्ली के वसंत विहार में शनिवार को दिलदहला देने वाली घटना हुई। अब इस मामले में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। संदिग्ध हालात में दम घुटने से हुई मां व दो बेटियों की मौत को सामूहिक आत्महत्या बताया जा रहा है। घर से सुसाइड नोट भी मिला है। एक सुसाइड नोट में लिखा है कि पति की मौत के बाद से मंजू काफी बीमार रहने लगी थीं। करीब एक साल से वह बिस्तर पर थीं, लेकिन उनके इलाज के लिए पैसे नहीं थी। छोटी बेटी अंशुता भी बीमार थी।

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नहीं थे इलाज के लिए पैसे

डाक्टर ने उसे एंडोस्कोपी करवाने के लिए बोला था इसके लिए भी पैसे नहीं थे। अंकिता ने दोनों के इलाज के लिए अपने कुछ परिचितों से पैसे उधार लिए थे। अब कोई उधार भी नहीं दे रहा था। एक पड़ोसी ने बताया कि उनकी एक पालतू बिल्ली थी जो घर के बाहर दरवाजे पर बैठी रहती थी। पहले उसे रोज दूध-चावल देती थीं लेकिन एक माह से बिल्ली को पानी चावल दे रही थीं। हादसे के बाद घर के अंदर गए एक पड़ोसी ने बताया कि घर में खाने का कोई सामान नहीं दिखा। उधारी बढ़ने के कारण दुकानदार ने राशन देना बंद कर दिया था।

यू-ट्यूब से सीखा घर को गैस चैंबर में बदलना

आत्महत्या के लिए तीनों ने घर को गैस चैंबर में बदल दिया था। घर में मिले मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से पता चला है कि इन लोगों ने घर को गैस चैंबर में तब्दील करना यू-ट्यूब से सीखा था। यह भी सीखा कि जहरीली गैस बनाने के लिए क्या-क्या सामान चाहिए। इसके लिए अंगीठी, कोयला, एल्युमिनियम फव्याइल, सेलो टेप आदि 19 मई को आनलाइन मंगवाया। घर के सभी दरवाजों, खिड़कियों व रोशनदान पर अंदर से एल्युमिनियम फोइल लगाकर उस पर सेलो टेप लगाया गया था ताकि अंगीठी से उठा धुआं बाहर न जाए और बाहर से आक्सीजन न अंदर न आ सके। घर के एक दरवाजे पर अंदर से चेतावनी भी लिखी थी कि घर में खतरनाक कार्बन मोनोआक्साइड सहित अन्य जहरीली व ज्वलनशील गैस है। कृपया माचिस लाइटर या मोमबत्ती न जलाएं, आग लग सकती है।

लिखी चेतावनी- पंखा चला कर पहले निकाले गैस

इस पर लिखा था कि घर में घुसें तो पहले खिड़की खोलकर, पंखा चलाकर जहरीली गैस निकाल दें। इस कारण पुलिस ने दमकल विभाग को भी इसकी सूचना दी। सुसाइड नोट के सभी 10 पन्नों को दीवारों पर सेलो टेप से चिपकाया गया था। पूरे सुसाइड नोट में अंकिता की बुआ को कई बार संबोधित किया गया है। यह भी लिखा है कि मुसीबत के वक्त बुआ ने ही उनकी मदद की है। पुलिस को मंजू और अंशुता का शव एक की बिस्तर पर मिला वहीं, अंकिता का शव फर्श पर पड़ा था। इन लोगों ने आत्महत्या का प्लान-बी भी बना रखा था। इसके लिए उन्होंने रसोई गैस के सिलेंडर को आधा खुला छोड़ रखा था ताकि यदि धुआं और गैस से मौत न हो तो आग लगने से मौत हो जाए। हादसे के बाद घर में पहुंचे लोगों ने बताया कि बड़ी बेटी के शव के पास माचिस भी मिली थी। 


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