700 सालों में पहली बार सादगी से मनाया जाएगा निजामुद्दीन दरगाह में उर्स
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 700 सालों में पहली बार निजामुद्दीन दरगाह में सालाना उर्स सादगी से मनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 700 सालों में पहली बार निजामुद्दीन दरगाह में सालाना उर्स सादगी से मनाया जाएगा। सूफी संत अमीर खुसरो का उर्स मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है, जो 13 जून तक चलेगा, लेकिन पहली बार होगा, जब इसमें शामिल होने के लिए जायरिनों को इजाजत नहीं होगी। वहीं, शारीरिक दूरी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इस बार उर्स में प्रसिद्ध कव्वाली और मुशायरे का आयोजन भी नहीं होगा। इस बारे में उर्स कमेटी के अध्यक्ष फरीद निजामी ने बताया कि कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए इस बार उर्स उत्सव का कार्यक्रम छोटा कर दिया गया है। सारी रस्में पूरी होंगी, पर इसमें बाहरी लोगों को शामिल होने की इजाजत नहीं होगी। क्योंकि, दरगाह अभी तक आम लोगों के लिए खोला नहीं गया है। यह पूरे जून माह तक बंद रह सकता है।
उन्होंने बताया कि कुरान खानी, नात खानी और फातिहा पढ़ी जाएगी। अन्य धार्मिक रस्म भी पूरे किए जाएंगे। पर कव्वाली, मुशायरा, लंगर व तकरीरे नहीं होंगी।