Move to Jagran APP

उर्दू महोत्सव में गूंजती रही पुरानी दिल्ली वालों की बातें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कनॉट प्लेस के दिल सेंट्रल पार्क में आयोजित उर्दू महोत्सव में पांच ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 10:06 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 10:06 PM (IST)
उर्दू महोत्सव में गूंजती रही पुरानी दिल्ली वालों की बातें
उर्दू महोत्सव में गूंजती रही पुरानी दिल्ली वालों की बातें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : कनॉट प्लेस के दिल सेंट्रल पार्क में आयोजित उर्दू महोत्सव में पांच दिनों तक पुरानी दिल्ली वालों की बातें भी गूंजती रहीं। वैसे भी जब उर्दू और तहजीब का जिक्र चले तो बातें पुरानी दिल्ली वालों के बिना पूरी नहीं होती है। कनॉट प्लेस में दिल्ली सरकार की उर्दू अकादमी द्वारा उर्दू महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसका बृहस्पतिवार शाम को समापन हो गया। इसमें महान शायर गालिब, दाग देहलवी व जौंक की शायरी के शब्द मंच से लेकर गलियारे तक में गूंज रहे थे तो पुरानी दिल्ली वालों की बातें भी फिजाओं में थी।

loksabha election banner

यहां विभिन्न स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें पुरानी दिल्ली वालों के तकियाकलाम अंदाज में शब्द बिखरे हुए थे। कुछ शब्दों को लोग दिल से लगाकर घूम रहे थे। असल में इन्हें बिल्ले पर अंकित किया गया था। जैसे 'मैं बजा रिया हूं हार्न, तुम हट जाओ फौरन', 'भाड़ में जाओ', 'तुमको देखके दिल का दिमाग खराब हो जाता है', 'तू जानता नहीं, मेरा बाप कौन है' जैसे अनेक वाक्य थे, जिनसे महोत्सव में आए लोग परिचित हो रहे थे।

पुरानी दिल्ली की धरोहर को संजोने में जुटे अबू सूफियान ने बताया कि यह अपनी तरह का अलग प्रयास है, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया है। इस महोत्सव में सिकंदर मिर्जा चंगेजी ऐतिहासिक पेंटिंग और हस्तलिपि के माध्यम से लोगों को पुरानी दिल्ली के गंगा-जमुनी तहजीब से परिचित करा रहे थे। उनके मुताबिक मुगल बादशाह शाहजहां के जमाने में यमुना किनारे फलेज (फलों) का मेला लगता था, जो निगमबोध घाट से शुरू होकर वजीराबाद घाट तक लगता था। इसी तरह बैसाखी का मेला व रामलीला मंचन भी आयोजित होता था। कुछ फोटो की भी प्रदर्शनी लगी थी, जिसमें पुरानी दिल्ली की पुरानी दुकानें, गलियों और मकानों के चित्र थे तो एक रिक्शा तो पुरानी दिल्ली से लाया गया था, जो लोगों को लुभा रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.