UP प्रदूषण बोर्ड की सख्ती से NCR की 700 फैक्ट्रियों पर संकट
उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद की 700 औद्योगिक इकाइयों को नोटिस भेजा है।
नोएडा (कुंदन तिवारी)। उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोएडा-गेटर नोएडा व गाजियाबाद की 700 औद्योगिक इकाइयों को नोटिस देकर कहा है कि वे इन्हें 120 दिन में सीएनजी में तब्दील कर लें अन्यथा उसमें ताला लगा दें। 15 जुलाई को यह मियाद खत्म हो रही है।
इस नोटिस से परेशान उद्यमियों ने नोएडा इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन (नीवा) से राहत की गुहार लगाई है। यदि इकाइयां बंद हुईं तो लगभग 20 हजार लोगों की रोजी छिनेगी और सरकार को करीब एक हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु की शुद्धता और प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी निर्देश के तहत उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह कार्रवाई की है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस बाबत सख्त निर्देश हैं कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में पेट कोक (ब्वायलर, फर्नेस, थर्मिक फ्यूल्ड हीटर) से संचालित होने वाली इकाइयों को 120 दिन में सीएनजी में तब्दील करवाएं। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें बंद करा दिया जाए।
नोटिस जारी होने के 60 दिन बाद भी स्थिति जस की तस
उद्यमियों का कहना है कि नोटिस जारी होने के बाद 60 दिन बीत चुके हैं। अब तक नोएडा-ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद की इकाइयों में सीएनजी की व्यवस्था ही नहीं की जा सकी है। अभी क्षेत्र में आइजीएल की ओर से लाइन तक बिछाने का काम पूरा नहीं किया जा सका है।
इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 18 (1) (बी) के तहत एनसीआर क्षेत्र में ठोस ईंधन की जगह गैस का प्रयोग किया जाना अनिवार्य किया गया है। इसका अनुपालन 120 दिन के अंदर किया जाना है। अन्यथा उद्योग के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।