सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दो दोषी करार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को 19
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दो लोगों को दोषी करार दिया है। नरेश सेहरावत और यशपाल सिंह को हत्या व अन्य धाराओं के तहत दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद हिरासत में ले लिया गया। उन्हें दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में दो सिखों की हत्या का गुनहगार पाया गया। गुरुवार को कोर्ट दोषियों को सजा देने पर बहस कर अपना फैसला सुना सकती है। दोषियों को अधिकतम मृत्युदंड और न्यूनतम उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है।
सिख विरोधी दंगों से संबंधित कई मामलों में लंबे समय से चली आ रही सुनवाई के बाद एक मामले में बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पाडेय की अदालत से फैसला आया। कोर्ट ने कई सुबूतों और अभियोजन पक्ष की दलीलों के बाद नरेश और यशपाल को महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी पाया। यह मामला हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 1994 में यह मामला बंद कर दिया था, लेकिन विशेष जांच दल (एसआइटी) ने मामले की दोबारा जांच की। इसके बाद कई लोगों को अलग-अलग अपराध के तहत गिरफ्तार किया गया। सिख विरोधी दंगों से संबंधित कई मामले अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन हैं।
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाधी की हत्या उनके अंगरक्षकों ने कर दी थी। अगले दिन ही दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। कई राज्यों में हत्या और आगजनी की वारदात हुईं। दंगों में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। आइपीसी की इन धाराओं में दिया गया दोषी करार
149- गैर कानूनी ढंग से भीड़ जुटाना
324- गंभीर चोट पहुंचाना
302- हत्या
307- हत्या का प्रयास
395- डकैती
436- आगजनी करना