गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन में फ्लैट दिलाने के नाम पर 51 लोगों से ठगे 11 करोड़, दो बिल्डर गिरफ्तार
गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन में फ्लैट दिलाने के नाम पर 51 लोगों से 11 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने दो बिल्डर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम प्रतीक जैन व अक्षय जैन है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गाजियाबाद के राज नगर एक्सटेंशन में फ्लैट दिलाने के नाम पर 51 लोगों से 11 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने दो बिल्डर को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने 2012 में रेड एप्पल होमेज नाम से प्रस्तावित आवासीय परियोजना में लोगों को फ्लैट बुक कराने के लिए प्रेरित किया था। तीन साल के अंदर निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अबतक भूखंड पर निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है।
डीसीपी एकआइ हैदर के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम प्रतीक जैन व अक्षय जैन है। दोनों रामप्रस्थ कॉलोनी दिल्ली के रहने वाले हैं। 2018 में इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनके खिलाफ गाजियाबाद के विभिन्न थानों में 29 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। शिकायत में निवेशकों ने कहा था कि मेसर्स मंजू जे होम्स लिमिटेड के निदेशकों विवेक विहार में कार्यालय खोला था और लोगों को राज नगर एक्सटेंशन स्थित रेड एप्पल होमेज़ नाम के आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक करने के लिए प्रेरित किया।
फ्लैटों की बुकिंग के समय पीड़ितों को आश्वासन दिया गया था कि तीन साल के भीतर उन्हें फ्लैटों का कब्जा सौंप दिया जाएगा। प्रारंभिक भुगतान (बुकिंग राशि) के बाद निवेशकों के आवेदन पर प्रस्तावित फ्लैटों के लिए बैंकों से लोन दिलाने की बात कही गई थी। फ्लैटों पर कब्जा देने तक बिल्डर द्वारा बैंकों को ईएमआई देने का वादा किया गया था। जांच से पता चला कि प्रतीक जैन और अक्षय जैन ने अन्य सह-आरोपित विजयंत जैन और राजकुमार जैन के साथ मिलकर एक कंपनी शुरू की थी और जनता को ठगने के लिए रेड एप्पल होमेज नाम की परियोजना शुरू की थी।
प्रतीक जैन और अक्षय जैन भी बैंक खाते में अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और कंपनी के निदेशक थे। अक्षय जैन ने पंजाब से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है और प्रतीक जैन ने गढ़वाल से बीएससी किया है। दोनों दो अलग-अलग कंपनी रेड एप्पल रेजीडेंसी व रेड एप्पल होमेज का संचालन कर रहे थे। जांच के बाद एसीपी वीरेंद्र ठकरान के नेतृत्व में एसआई जीएन तिवारी, एएसआइ नरेश व सिपाही विक्रम की टीम ने 25 मार्च को दोनों को रामप्रस्थ से गिरफ्तार कर लिया।