रेहड़ी-पटरी वालों ने निगम मुख्यालय पर किया प्रदर्शन
आजीविका के अधिकार के तहत टाउन वें¨डग के लिए कानून बनाया गया और इस कानून के तहत करीब साढ़े चार साल पहले टाउन वें¨डग कमेटी का गठन किया गया। अब तक इसके प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है। टाउन वें¨डग कमेटी (टीवीसी) की बैठक तक नहीं होती, जिस कारण रेहड़ी-पटरी वालों के बैठने के लिए जगह तय नहीं की जा रही है। इस कारण वह आए दिन पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई के शिकार होते हैं। इसे लेकर रेहड़ी-पटरी वालों ने पटपड़गंज स्थित पूर्वी निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : आजीविका के अधिकार के तहत टाउन वें¨डग के लिए कानून बनाया गया और इस कानून के तहत करीब साढ़े चार साल पहले टाउन वें¨डग कमेटी का गठन किया गया। अब तक इसके प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है। टाउन वें¨डग कमेटी (टीवीसी) की बैठक तक नहीं होती, जिस कारण रेहड़ी-पटरी वालों के बैठने के लिए जगह तय नहीं की जा रही है। इस कारण वह आए दिन पुलिस और नगर निगम की कार्रवाई के शिकार होते हैं। इसे लेकर रेहड़ी-पटरी वालों ने पटपड़गंज स्थित पूर्वी निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
एकता रेहड़ी-पटरी संघ के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। संघ के अध्यक्ष मोहम्मद इरशाद ने कहा कि कानून लागू हुए चार साल, सात महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक वह अपने रोजगार के लिए निगम व पुलिस पर आश्रित हैं। जब टीवीसी का गठन हो गया है तो उसे निर्णय लेना चाहिए, लेकिन कुछ नहीं हो रहा है। निगम द्वारा रेहड़ी उठा ली जाती है, जिसके एवज में पांच हजार रुपये जुर्माना देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि निगम और पुलिस अधिकारी जानबूझकर उन्हें परेशान करने में लगे हैं।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संघ के उपाध्यक्ष रोहित शर्मा ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वाले अलग-अलग क्षेत्रों में दुकान लगाते हैं। इसको लेकर 2014 में कानून बनाया गया था, जिसमें इनके लिए एक संरक्षित जगह देने को कहा गया था। जहां वह अपनी दुकान लगा सकें, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है। इस मामले को लेकर यूनियन के पदाधिकारियों ने अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा से मुलाकात की। इन्हें समर्थन देने के लिए पूर्व मंत्री डॉ. नरेंद्रनाथ, पूर्व विधायक नसीब ¨सह और संजीव कुमार आदि भी पहुंचे।