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Delhi Air Pollution: अब दिल्ली में सड़कों की मशीनों से होगी धुलाई, प्रदूषण पर लगेगी लगाम

Delhi Air Pollution दिल्ली सरकार ने नगर निगम से मशीन खरीदने के लिए अनुमति मांगी है। इसके पीछे प्रदूषण के स्तर को कम करने का हवाला दिया गया है। इस पर एमसीडी ने ऐसा होने के बाद निगम को होने वाले नुकसान और मजबूरियों को भी गिनाया है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariPublished: Sun, 04 Jun 2023 08:22 AM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2023 08:22 AM (IST)
Delhi Air Pollution: अब दिल्ली में सड़कों की मशीनों से होगी धुलाई, प्रदूषण पर लगेगी लगाम
Delhi Air Pollution: अब दिल्ली में सड़कों की मशीनों से होगी धुलाई, प्रदूषण पर लगेगी लगाम

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दिल्ली में 60 फीट से चौड़ी सड़कों का सफाई कार्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपने का प्रस्ताव निगम से पास होने के बाद दिल्ली सरकार ने अब इन सड़कों की धुलाई का अधिकार भी मांगा है।

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राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम करने का हवाला देकर पर्यावरण विभाग ने पीडब्ल्यूडी को यह अधिकार देने की मांग की है। साथ ही इससे संबंधित मशीनें खरीदने के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा निविदा जारी करने के लिए निगम से मंजूरी मांगी है।

एमसीडी ने बताए निगम को होने वाले नुकसान

इस पर एमसीडी ने ऐसा होने के बाद निगम को होने वाले नुकसान और मजबूरियों को भी गिनाया है। चूंकि, इस संबंध में दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने निर्णय ले लिया इसलिए निगमायुक्त ने यह प्रस्ताव अब सदन के सामने प्रस्तुत करने के आदेश देते हुए कहा है कि जो भी सिफारिश सदन करेगा, उसे उपराज्यपाल के पास अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न होने वाले आपातकालीन उपायों के लिए एकीकृत वाटर स्प्रिंकलर (जल छिड़काव) मशीन के साथ एंटी स्माग गन और मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों की खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित की जानी हैं।

ऐसे में मंत्रिमंडल के निर्णय को लागू करने के लिए निगम इस पर अपनी सहमति प्रदान करे। इसके जवाब में निगम ने अपनी टिप्पणी लिखित रूप से पर्यावरण विभाग को भेज दी है। साथ ही उन टिप्पणियों को प्रस्ताव में भी शामिल किया गया है।

उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी

निगम की ओर से कहा गया है कि चूंकि 1992 के 74 वां संशोधन के तहत नगरपालिका को स्वच्छता, सफाई, ठोस कचरा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण का अधिकार है। साथ ही निगम की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है। ऐसे में बिना उपराज्यपाल की मंजूरी के यह व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती है।

एक अक्टूबर 2012 को भी निगम ने इन सड़कों के रखरखाव का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को उपराज्यपाल की मंजूरी से ही सौंपा था। ऐसे में बिना एलजी के मंजूरी के यह संभव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पिछली सदन की बैठक में निगम ने पीडब्ल्यूडी को निगम की सड़कों की सफाई करने का प्रस्ताव पारित कर दिया था। इस पर फिलहाल उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं मिली है। इस मामले पर दिल्ली सरकार से भी पक्ष मांगा गया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो सका।

निगम ने अपने संसाधनों को लेकर जताई चिंता

निगम ने प्रस्ताव में यह टिप्पणी भी की है कि निगम के पास इन सड़कों की सफाई करने के लिए 52 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें हैं, जबकि 18 मशीनें खरीदने की योजना प्रक्रिया में है। इतना ही नहीं 208 स्प्रिंकलर हैं। जबकि 28 स्प्रिंकलर एंटी स्माग से युक्त भी हैं।

इन मशीनों को 60 फीट से छोटी सड़कों पर स्थानांतरित करना अव्यवहारिक है। क्योंकि 60 फीट से छोटी सड़कों पर वाहनों के खड़े होने से लेकर अतिक्रमण की समस्या है। ऐसे में इनके संचालन के लिए पहले से हुए अनुबंधों का निष्पादन अलग-अलग करना होगा।


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