फर्जी सीबीआइ अधिकारी बन ठगने वाले तीन गिरफ्तार
दक्षिण दिल्ली के मैदान गढ़ी थाना पुलिस ने अलग-अलग बहाने से लोगों को ठगने वाले एक गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपित कभी पुलिसकर्मी तो कभी पति का साथी बताकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपितों की पहचान लखविदर सिंह सोनू कुमार और सनी के रूप में हुई है। लखविदर गिरोह का सरगना और खासा कुख्यात है। उसपर हरियाणा उत्तर प्रदेश (यूपी) सहित दिल्ली में 17 मुकदमें दर्ज हैं। वहीं गिरोह 25 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुका है। उनके पास से तीन कार एक मोटरसाइकिल व 30 हजार नकदी सहित लाखों के जेवरात बरामद हुए हैं। वहीं पुलिस को उनके पास से फर्जी पुलिस अधिकारी का पहचान पत्र भी मिला है। बदमाश बड़े होटलों में रहते थे। वे ऐशों आराम का जीवन जीने के लिए वारदात करते थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दक्षिण दिल्ली के मैदान गढ़ी थाना पुलिस ने अलग-अलग बहाने से लोगों को ठगने वाले एक गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान लखविदर सिंह, सोनू कुमार और सनी के रूप में हुई है। लखविदर गिरोह का सरगना है। उस पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश (यूपी) सहित दिल्ली में 17 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, गिरोह 25 से ज्यादा वारदात को अंजाम दे चुका है। उनके पास से तीन कार, एक बाइक 30 हजार नकदी सहित लाखों के जेवरात बरामद हुए हैं। वहीं, पुलिस को उनके पास से फर्जी सीबीआइ अधिकारी का पहचान पत्र भी मिला है।
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि पुलिस को मैदान गढ़ी के छतरपुर एंक्लेव में इसी वर्ष मई महीने में ठगी की घटना की शिकायत मिली थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि एक शख्स उनका और उनकी पत्नी का नाम लेते हुए घर में दाखिल हुआ था। उस वक्त उनकी 70 वर्षीय मां घर में थीं। शख्स ने महिला को कहा था कि घर में पुलिस आने वाली है। इसलिए घर के सारे जेवरात और नकदी एक बैग में रखकर उसे छिपा दें। बुजुर्ग महिला ने झांसे में आकर ऐसा ही किया। इसी दौरान सम्मोहित कर बदमाश करीब पांच लाख रुपये के जेवर और नकदी लूट ले गए।
वहीं, इसी महीने अमर कॉलोनी इलाके में ठगी की अन्य घटना दर्ज की गई। बदमाश एक घर में गया और वहां मौजूद महिला से कहा कि वह उनके पति का दोस्त है। उनके घर में छापा पड़ने वाला है। इसलिए घर में रखे सारे जेवर और नकदी एक बैग में रख दें। बाद में बदमाश बहाने से बैग लेकर रफूचक्कर हो गया।
एक साथ ठगी की कई घटनाओं के बाद महरौली एसीपी रणवीर सिंह सहित मैदान गढ़ी एसएचओ जतन सिंह की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की। पुलिस ने वारदात वाले सभी स्थानों का दौरा कर वहां लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का विश्लेषण करना शुरू किया। विश्लेषण में पता चला कि आरोपित बाइक से आया था। लेकिन उसपर फर्जी नंबर दर्ज था। बाद में तकनीकी जांच और करीब 16 किलोमीटर के रास्ते पर सीसीटीवी की जांच में पुलिस को मुख्य आरोपित का सुराग मिला और लखविदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसकी निशानदेही पर उसके सहयोगी सोनू और सनी को भी गुरुग्राम के एक होटल से दबोचा गया। लखविदर मूल रूप से पंजाब के अमृतसर जबकि अन्य दोनों आरोपित हरियाणा के पानीपत के रहने वाले हैं।