नहर के मीठे पानी से कैर गांव का जोहड़ होगा आबाद
आनेवाले दिनों में नजफगढ़ के कैर गांव के ग्रामीणों को पशुओं को नहर का मीठा पानी भी मिलेगा। इसके लिए कैर गांव के जोहड़ को तैयार कर लिया गया है। इस जोहड़ को मीठे पानी से भरा जाएगा। इसके लिए हरियाणा का नहरी पानी का उपयोग होगा। हालांकि अरसे पहले हरियाणा के सिद्दीपुर लोहाकलां और दिल्ली नजफगढ़ (कैर गांव) के बीच नहर थी। यह पानी रावता गांव तक जाता था। देखरेख के अभाव में नहर की लाइन बर्बाद हो गई। कालांतर में नहरी पानी आना बंद हो गया। इसके बाद से किसी ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : आने वाले दिनों में नजफगढ़ के कैर गांव के ग्रामीणों के पशुओं को नहर का मीठा पानी भी मिलेगा। इसके लिए कैर गांव के जोहड़ को तैयार कर लिया गया है। इस जोहड़ को मीठे पानी से भरा जाएगा। इसके लिए हरियाणा का नहरी पानी का उपयोग होगा। हालांकि, अरसे पहले हरियाणा के सिद्दीपुर लोहाकलां और दिल्ली नजफगढ़ (कैर गांव) के बीच नहर थी। यह पानी रावता गांव तक जाता था। देखरेख के अभाव में नहर की लाइन बर्बाद हो गई। कालांतर में नहरी पानी आना बंद हो गया। इसके बाद से किसी ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया। चूंकि, अब मानवता के आधार पर हरियाणा के सिद्दीपुर कलां गांव के ग्रामीण कैर गांव में पल रहे पशुओं को पानी देने को तैयार हो गए हैं। इसलिए दोनों तरफ के ग्रामीणों के रजामंदी के बाद ईशापुर वार्ड की निगम पार्षद सुमन डागर ने छह माह के छोटे से अंतराल में चार किलोमीटर तक पानी की लाइन भी डालकर तैयार कर दी है। शुक्रवार को बंद नहर के रास्ते को पाइप लाइन डालकर जोड़ दिया गया है। जब भी सिद्दीपुर लोहा कलां की ओर नहर में पानी आएगा। कैर गांव का जोहड़ भी लबालब हो जाएगा।
दैनिक जागरण से बातचीत में ईशापुर वार्ड की पार्षद सुमन डागर ने कहा कि हरियाणा के सिद्दीपुर कलां गांव की तरफ नहर का हिस्सा दुरुस्त है। हमारा प्रयास सरकारी स्तर पर दिल्ली की सीमा तक सिर्फ पानी की लाइन डालना भर था। इसके लिए 12 इंच मोटी पाइप लाइन डाल दी गई है। ग्रामीणों के भागीरथ प्रयास से यह पानी आएगा। इस पानी का उपयोग महज पशुओं के लिए होगा।