Move to Jagran APP

दिल्ली के चिड़ियाघर में साल दर साल जानवरों व पक्षियों की संख्या में होता गया इजाफा, जानिए फिलहाल कितनी हैं प्रजातियां

नवंबर में दिल्ली का चिड़ियाघर 62 साल का हो गया है। साल दर साल दिल्ली के चिड़ियाघर में कुछ न कुछ बदलाव होते गए लेकिन कुछ नहीं बदला तो वह है यहां के जानवरों के रहन-सहन का तरीका और चिड़ियाघर में वन्य जीवों के रखरखाव की पहल।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 02:14 PM (IST)
दिल्ली के चिड़ियाघर में साल दर साल जानवरों व पक्षियों की संख्या में होता गया इजाफा, जानिए फिलहाल कितनी हैं प्रजातियां
नवंबर में दिल्ली का चिड़ियाघर 62 साल का हो गया है।

नई दिल्ली [राहुल सिंह]। कभी पांच पैसे लेकर दिल्ली के चिड़ियाघर घूमने के लिए आने वाले लोग अब अपने नाती-पोतों के साथ डिजिटल तरीके से टिकट लेकर आते हैं। साल दर साल दिल्ली के चिड़ियाघर में कुछ न कुछ बदलाव होते गए, लेकिन कुछ नहीं बदला तो वह है यहां के जानवरों के रहन-सहन का तरीका और चिड़ियाघर में वन्य जीवों के रखरखाव की पहल। आज भी चिड़ियाघर का हर कर्मचारी जान की बाजी लगाकर शेर और बाघ जैसे जानवरों के बाड़े में जाकर उनका खयाल रखते हैं। नवंबर में दिल्ली का चिड़ियाघर 62 साल का हो गया है।

loksabha election banner

1959 में शुरू हुए चिड़ियाघर में आज भी बड़ी संख्या में पर्यटक बच्चों के साथ आते हैं। इसके साथ ही साल दर साल जानवरों व पक्षियों की संख्या में भी इजाफा होता चला गया। आज चिड़ियाघर 93 प्रजातियों वाला देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है, जहां जीवों की संख्या 100 करने का लक्ष्य है। चिड़ियाघर के पुराने (बुजुर्गो) पर्यटकों का खयाल रखने के लिए चिड़ियाघर में इलेक्ट्रानिक वाहन चलाए जाते हैं, जिस पर बैठकर वे सफर करते हैं।

जर्मनी और श्रीलंका में तैयार हुई थी रूपरेखा

चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि आजादी के बाद से ही दिल्ली में चिड़ियाघर बनाने की कवायद शुरू हो गई थी। इस दौरान लगातार जमीन तलाशने को लेकर दौरे किए गए, वहीं वर्ष 1958 में जर्मनी और श्रीलंका के चिड़ियाघर के निदेशक मेजर वाइनमेन ने दिल्ली के चिड़ियाघर की रूपरेखा तैयार की।

पहला ऐसा चिड़ियाघर बना था, जहां जानवरों को खुले आसमान के नीचे रखने और जाल नहीं लगाने की बात तय हुई। इसके बाद जानवरों के बाड़े और दर्शकों के बीच छोटी नहर बनाने का काम किया गया। नवंबर 1959 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री पंजाब राव देशमुख ने इसका उद्घाटन किया था। अधिकारी बताते हैं कि उस समय चिड़ियाघर के टिकट के दाम पांच पैसे थे, जिसे लोग बाहर खिड़की पर खड़े होकर लेते थे।

चिड़ियाघर के पहले निदेशक ने जमकर की थी मेहनत

अधिकारियों ने बताया कि नवंबर 1959 से अक्टूबर 1995 तक एनडी बछखेती दिल्ली चिड़ियाघर के पहले निदेशक थे, जिन्होंने 36 साल के कार्यकाल में चिड़ियाघर के लिए कई काम किए। इसके अलावा उन्हीं के कार्यकाल में चिड़ियाघर को चार देशों-अफ्रीकी, एशियाई, आस्ट्रेलियाई और अमेरिकी डिजाइन में बांटा गया।

निदेशक, चिडि़याघर

चिड़ियाघर में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी व अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई हस्तियां समय-समय पर चिड़ियाघर आती रहीं। आज दिल्ली के चिड़ियाघर में 93 प्रजाति के जानवर, पक्षी और सांप चिड़ियाघर में रहते हैं। इन दिनों 1250 से अधिक वन्य जीवों की संख्या है। आज भी पहले की तरह ही सर्दी में वन्य जीवों का खयाल रखा जा रहा है।

- डा. सोनाली घोष, निदेशक, चिड़ियाघर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.