संगीत ने मजबूत की सर्वधर्म समभाव की डोर
सात दिवसीय सीरीज के पाचवे दिन कलाकारों ने एकता व भाईचारे का संदेश दिया
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सुर, लय ताल की बारिश में मानस मन भीग रहा था। शब्द दिलों में उतरते जा रहे थे और दर्शक आस्था की लहरों में गोते लगा रहे थे। इन सबके बीच भारतीयता का भाव महक उठा। सर्वधर्म समभाव की डोर मजबूत हुई और इसका साक्षी बना स्पिक मैके अनुभव। सात दिवसीय अनुभव सीरीज के पाचवे दिन कलाकारों ने मंच से एकता और भाईचारे का संदेश दिया। शुरुआत आव नागा क्वायर से हुई फिर गुरबाणी की प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। वारसी ब्रदर्स की सूफीयाना कव्वाली दिल को छू गई। कुल मिलाकर पाचवा दिन दर्शकों के लिए ताउम्र ना भूलने वाला अनुभव देकर गया। वीडियो पर लाइक और कमेंट की बहुतायत संख्या यह बताने के लिए काफी थी कि इन कार्यक्रमों को खूब पसंद किया गया।
पाचवा दिन प्रार्थना में संगीत (म्यूजिक इन प्रेयर) को समíपत था। पहली प्रस्तुति पूर्वोत्तर के कलाकारों आव नागा क्वायर की थी जिसके जरिये कलाकारों ने शाति और सद्भाव का संदेश दिया। क्वायर भारत की सास्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। इनके गाए गीत मर्मस्पर्शी एवं ऊर्जा से लबरेज थे। दर्शकों से मुखातिब होते हुए कलाकार रोहन दे लानेरोल ने बताया कि इन लोगों ने कहीं प्रोफेशनली ट्रेनिंग नहीं ली है। संगीत पसंद था इसलिए घर पर ही खुद से सीखा। हालाकि क्वायर में कई प्रोफेशनली प्रशिक्षित सदस्य हैं। क्वायर के सफर के बारे में बताया कि 2011 में स्कूलों में प्रस्तुति से शुरुआत हुई थी।
वहीं डॉ. अलंकार सिंह ने गुरबाणी की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। अलंकार सिंह ने गुरबाणी के कागड़ा राग में पड़ताल गायन से दर्शकों को भी भाव विभोर कर दिया। अलंकार सिंह ने दर्शकों से बताया कि गुरबाणी गुरु ग्रंथ साहिब के भजनों का पवित्र संग्रह है। पड़ताल की शुरुआत चतुर्थ गुरु श्री गुरुरामदास जी ने की थी। उन्होंने अलग-अलग रागों में 19 पड़ताल की रचना की। पाचवे गुरु अर्जुनदेव जी ने 36 पड़ताल की रचना की। गुरु ग्रंथ साहिब में 55 पड़ताल हैं। इन्होंने सबद गाकर भी सुनाया। इसके बाद वारसी ब्रदर्स ने अपनी आवाज से दर्शकों को दीवाना बना दिया।