हंगामे की भेंट चढ़ी सदन की बैठक
पूर्वी निगम में मंगलवार को बुलाई गई सदन की बैठक आधे घंटे भी नहीं चल पाई। एक बार स्थगन के बाद जब बैठक दोबारा शुरू हुई तो फिर हंगामा होने लगा।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
पूर्वी निगम में मंगलवार को बुलाई गई सदन की बैठक आधे घंटे भी नहीं चल पाई। एक बार स्थगन के बाद जब बैठक दोबारा शुरू हुई तो फिर हंगामा होने लगा। इसे देखते हुए महापौर निर्मल जैन ने बैठक को पूर्णकाल के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सत्ता पक्ष ने तीन प्रस्ताव पास करा लिए। जबकि चार प्रस्तावों को टाल दिया गया।
दरअसल, बैठक शुरू होते ही सत्ता पक्ष पहले प्रदूषण पर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाना चाहता था। लेकिन विपक्ष पहले वेतन के मुद्दे पर चर्चा चाहता था। महापौर ने भरोसा दिया कि प्रदूषण पर चर्चा के बाद वेतन पर चर्चा करेंगे। लेकिन विपक्ष राजी नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी के नेतृत्व में आप के पार्षद वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में सत्ता पक्ष ने भी दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा देख महापौर ने दस मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी। इसके बाद अपने कक्ष में नेता सदन प्रवेश शर्मा और नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी के साथ बैठक की। दस मिनट बाद जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो स्थायी समिति के चेयरमैन सत्यपाल सिंह प्रस्ताव रखने लगे। मनोज त्यागी ने इसका विरोध किया और पहले वेतन पर चर्चा की मांग करने लगे। जब महापौर ने रोका तो मनोज त्यागी के साथ रेखा त्यागी, साजिद खान, गीता रावत आदि आप के पार्षद वेल में आकर फिर हंगामा करने लगे। इसी हंगामे में सत्यपाल सिंह प्रस्ताव पढ़ते गए और नेता सदन प्रवेश शर्मा उन्हें पास करते गए। जो प्रस्ताव पास किए गए हैं उनमें दिल्ली विकास प्राधिकरण के सदस्य की रिक्ती भरने के लिए चुनाव, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के फंड से ठोस कचरा प्रबंधन के लिए योजना और अतिरिक्त आयुक्त अल्का शर्मा की पदोन्नति शामिल हैं। वहीं, छह वर्षों के लिए चार बुलडोजर की खरीद, तीन साल के लिए दस मेकेनिकल स्वीपिग मशीन की खरीद सहित पांच प्रस्ताव टाल दिए गए।
बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि वेतन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष चर्चा से भाग गया। भाजपा अपनी असलियत सामने नहीं आने देना चाहती थी। उन्होंने कहा कि चर्चा होती तो पता चलता कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार का फंड रोक रखा है। वहीं, महापौर निर्मल जैन ने कहा कि हम प्रदूषण के बाद वेतन पर चर्चा करते। लेकिन आप की मंशा ही बैठक नहीं होने देने की थी। प्रदूषण पर चर्चा होती तो निगम की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी जाती।
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पूर्व शिक्षा निदेशक की बहाली का प्रस्ताव भी टला
एक दिन पहले तक नगर निगम में पूर्व शिक्षा निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल एके सिंह की बहाली को लेकर सदन में प्रस्ताव पास होने की पूरी उम्मीद थी। इसके लिए सत्ता पक्ष ने पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन मंगलवार को बैठक में इस पर चर्चा तक नहीं हुई और इस प्रस्ताव को भी टाल दिया गया। बता दें कि कर्नल एके सिंह को पिछले साल कदाचार का आरोप लगाकर निगमायुक्त डॉ. दिलराज कौर के आदेश पर अचानक हटा दिया गया था। पिछले दिनों शिक्षा समिति की विशेष जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कर्नल एके सिंह को क्लीन चिट दी थी और उनकी बहाली की सिफारिश भी की थी।