कुख्यात आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस से पहले कुख्यात आतंकी अब्दुल सुभान कु
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस से पहले कुख्यात आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। इंडियन मुजाहिद्दीन के सह संस्थापक कुरैशी ने सिमी (स्टूडेट इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया) को दोबारा खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुजरात सहित पांच अन्य राज्यों में हुए बम धमाकों का मास्टरमाइंड कुरैशी, पुलिस से बचने के लिए लंबे समय से विदेश में रह रहा था। वह भारत में फिर से इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी को सक्रिय करने के मकसद से आया था। शनिवार को वह गाजीपुर में अपने एक पुराने सहयोगी से मिलने पहुंचा था, इसकी भनक मिलते ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक पिस्टल और पांच कारतूस बरामद हुए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कुरैशी पर चार लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सोमवार को पुलिस ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
इस्लाम व जेहाद के नाम पर बेरोजगार युवकों को भड़काकर उन्हें आतंकी बनाने में इसे महारत हासिल है। अपने भाषण से वह समुदाय विशेष के युवकों को जल्द आकर्षित कर लेता था। इसी कारण से उसे भारत का ओसामा बिन लादेन की उपमा भी मिली हुई है। इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ने से पहले वह एक आइटी फर्म में आइटी इंजीनियर के पद पर कार्य करता था। स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त पीएस कुशवाहा ने बताया कि पुलिस इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी के आतंकियों पर लगातार नजर रख रही थी। इसी बीच सूचना मिली कि सिमी को फिर से खड़ा करने के इरादे से फरार कुख्यात आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी वापस भारत आया है। वह 20 जनवरी को अपने एक पुराने सहयोगी से मिलने गाजीपुर इलाके में आने वाला है। इस जानकारी के बाद एसीपी गोविंद शर्मा की टीम ने गाजीपुर स्थित पेपर मार्केट के समीप सेट्रो कार से जा रहे कुरैशी को घेर लिया। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा।
अहमदाबाद और सूरत में 23 सीरियल बम धमाके कराए
कुशवाहा ने बताया कि वर्ष 2003 में कनार्टक के भटकल में कुरैशी ने इंडियन मुजाहिद्दीन को दोबारा खड़ा किया। साथ ही आतंकी संगठन सिमी से युवाओं को जोड़ने के लिए उसने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कनार्टक, केरल व मध्य प्रदेश का दौरा किया। 26 जुलाई 2008 को उसने गुजरात के अहमदाबाद और सूरत में 23 सीरियल बम धमाके कराए। इसमें 57 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में 20 अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे। इसके अलावा उसने महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान व हैदराबाद में भी अलग-अलग समय में बम धमाके कराए। वर्ष 2006 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुई आतंकी वारदात में भी इसका नाम है।
इंडस्ट्रीयल इलेक्ट्रानिक्स में ले रखा है डिप्लोमा
कुशवाहा ने बताया कि मुंबई निवासी कुरैशी की प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई वहीं के एक मिशनरी स्कूल में हुई थी। बाद में 1995 में उसने नवी मुंबई के भारतीय विद्यापीठ से इंडस्ट्रीयल इलेक्ट्रानिक्स में डिप्लोमा किया। इसी बीच उसने घर के समीप स्थित एक मुस्लिम लाइब्रेरी में जाना शुरू किया। इसके बाद उसने धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। इसी दौरान उसका संपर्क आतंकी रियाज भटकल से हुआ। वर्ष 1995 में पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने मुंबई में ही एक आइटी फर्म में नौकरी शुरू की, लेकिन भटकल से सपंर्क होने के बाद वह सिमी का सक्रिय सदस्य बन गया और नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2001 में भारत में सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिसके बाद उसने कनार्टक को अपना कार्यस्थल बना लिया। वहां रहकर वह रियाज भटकल के साथ बेरोजगार मुस्लिम युवकों को अपने नेटवर्क में जोड़ता रहा। बाद में वह इंडियन मुजाहिद्दीन का सह संस्थापक बन गया।
पुलिस के दबाव से भाग गया था विदेश
इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़कर कुरैशी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में धमाके करने की योजना बनाई। पहला धमाका उसने सन 2006 में मुंबई में किया। सफदर नागौरी की गिरफ्तारी के बाद कुरैशी सिमी का मुखिया बन गया। इसके बाद उसने वर्ष 2008 में गुजरात में सीरियल बम धमाके कराए। गुजरात सहित अन्य राज्यों में हुए बम धमाके और आतंकी गतिविधियों के बाद पुलिस का दबाव बढ़ने पर वह बिहार के बार्डर से होता हुआ नेपाल भाग गया और वहां फर्जी नाम पर रहने लगा। भारत में इंडियन मुजाहिद्दीन को दोबारा मजबूत करने के मकसद से मार्च 2015 में वह सऊदी अरब चला गया। वहां उसने कई छोटे-मोटे काम किए और आतंकियों से मिलता रहा। भारत में दोबारा से सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन को सक्रिय करने के उद्देश्य से वह जून 2017 में सऊदी अरब से यहां आ गया था।
आतंकी कुरैशी के खिलाफ दर्ज केस
-2006 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए आतंकी हमले में
2007 में हैदराबाद स्थित लुंबनी पार्क में हुए बम धमाके के मामले में। इसमें 33 लोग मारे गए थे।
2008 में जयपुर में हुए बम धमाके के मामले में
2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में
2011 में महाराष्ट्र में हुए बम धमाके के मामले में
2013 में पटना में हुए बम धमाके के मामले में