Delhi Budget 2021: सरकार से स्कूल खोलने के साथ वेतन बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं टीचर
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने बताया कि दिल्ली सरकार के बजट से कई सालों से सेवारत हजारों अतिथि शिक्षकों को बहुत उम्मीदे हैं। अतिथि शिक्षकों का वेतन मार्च 2017 से अभी तक नही बढ़ाया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार 9 मार्च को अपना बजट पेश करने जा रही है। इस बार बजट में शिक्षा को लेकर शिक्षकों, शिक्षक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता को भी बहुत उम्मीदें हैं। सभी को इस बार नए स्कूल खोलने, अतिथि शिक्षकों के वेतन बढ़ने, शिक्षा के क्षेत्र में कई बुनियादी ढांचों बनने, इंटरनेशनल बोर्ड से निजी स्कूलों को मान्यता मिलने के साथ मीड डे मील में भी सुबह के नाश्ता शुरू करने की उम्मीदें हैं।
ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारी शोएब राणा ने बताया कि दिल्ली सरकार के बजट से कई सालों से सेवारत हजारों अतिथि शिक्षकों को बहुत उम्मीदे हैं। अतिथि शिक्षकों का वेतन मार्च 2017 से अभी तक नही बढ़ाया गया है। अतिथि शिक्षकों को उम्मीद है कि इस बार दिल्ली सरकार बजट में अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाएगी। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाया जाए और अतिथि शिक्षकों को सरकारी छुट्टियों का वेतन देने के साथ-साथ नियत मासिक वेतन भी तय किया जाए जो समान कार्य समान वेतन पर आधारित हो।
वहीं, ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में लगभग एक हजार सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए। स्कूलों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में अपना बजट भी बढ़ाना होगा और इस बजट को पूरा खर्च भी करना होगा। इसके साथ ही मिड-डे मील योजना में भी सुधार करना होगा। मिड डे मील में सुबह का नाश्ता भी दिया जाना चाहिए। ज्यादातर बच्चें सुबह स्कूल आते समय खाली पेट आते हैं। ऐसे में मीड-डे मील योजना में सुबह के समय पौष्टिक नाश्ता मिलने से बच्चों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और पढ़ाई में मन भी लगेगा।
राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय, जेजे कॉलोनी, खिचड़ीपुर गांव के टीचर धारासिंह मीना का कहना है कि दिल्ली सरकार के बजट में सरकारी स्कूलों में कई सालों से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाना चाहिए। अतिथि शिक्षकों को हर माह नियत वेतन मिले। दिहाड़ी मजदूर से हटाकर महीने का वेतन दिया जाये व समान कार्य समान वेतन लागू किया जाए।
वहीं, एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल के महासचिव भरत अरोड़ा ने बताया कि दिल्ली में इंटरनेशनल बोर्ड के स्कूल खोलने के लिए सरकार निजी स्कूलों को मान्यता स्कूल दे। ताकि छात्र दिल्ली से बाहर न जाएं। दिल्ली के छात्र इंटरनेशनल बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों से पढ़ने के लिए कई बार दिल्ली से बाहर जाकर पढ़ाई करते हैं। यहीं, सुविधा अगर दिल्ली में मिलने लगेगी तो छात्र फिर बाहर नहीं जाएंगे और यहीं पढ़ाई कर पाएंगे।