दिल्ली दंगा : थाने से पिस्टल छुड़ा कर लाया था ताहिर
दिल्ली की दंगे की आग भड़काने से दो दिन पहले मुख्य आरोपित व आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन ने खजूरी खास थाने में जमा अपनी लाइसेंसी पिस्तौल छुड़वाई थी। इसी पिस्तौल से उसने दंगे के दौरान 22 फायर किए थे। खजूरी खास इलाके में हुई हिसा के मामले में दायर आरोपपत्र से यह बात सामने आई है।
आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली :
दंगे की आग भड़काने से दो दिन पहले मुख्य आरोपित व आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन ने खजूरी खास थाने में जमा अपनी लाइसेंसी पिस्तौल छुड़वाई थी। इसी पिस्तौल से उसने दंगे के दौरान 22 फायर किए थे। खजूरी खास इलाके में हुई हिसा के मामले में दायर आरोपपत्र से यह बात सामने आई है। इस मामले में ताहिर हुसैन के साथ जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद समेत 16 आरोपित हैं। आरोपपत्र में यह बात भी दर्ज है कि ताहिर ने जानबूझ कर पीसीआर को काल कर दंगे की सूचना दी थी, ताकि कोई उसके दंगे में लिप्त होने पर शक न करे। वह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों को सबक सिखाना चाहता था। इस कारण हिदुओं को निशाना बनाया।
आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने बताया कि ताहिर हुसैन और उमर खालिद के बीच रची गई दंगे की रणनीति के तहत उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए के विरोध में धरना-प्रदर्शन गत वर्ष 15 जनवरी को सीलमपुर से शुरू हुआ था। 17 जनवरी को दयालपुर में दो जगह, ज्योतिनगर इलाके में एक जगह और खजूरी खास में सड़क किनारे धरना शुरू कर दिया गया। अगले दिन भजनपुरा में विरोध-प्रदर्शन का आगाज हुआ। योजनाबद्ध तरीके से 22 जनवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास रोड को धरने के नाम पर घेर लिया गया। आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने बताया कि 22 जनवरी को ताहिर हुसैन खजूरी खास थाने में जमा पिस्तौल को छुड़वा कर लाया था। यह बात ताहिर के बयान में भी दर्ज है। थाने के रिकार्ड की प्रति साक्ष्य के रूप में लगाई गई है।
आरोपपत्र में बताया गया है कि इस पिस्तौल के लिए उसने 100 कारतूस खरीदे थे। जिसमें से 22 का इस्तेमाल उसने दंगे में फायरिग के लिए किया। बाद में पिस्तौल को नेहरू विहार स्थित अपने दूसरे घर में छुपा दिया था। कारतूस के खाली खोखे बरामद होने का जिक्र पुलिस ने आरोपपत्र में किया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र में इस बात पर जोर दिया है कि दंगे के दौरान ताहिर के खजूरी खास के मकान को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचा, जबकि उसके आसपास की संपत्तियों को जला दिया गया। आरोपपत्र में लगे ताहिर के बयान में दर्ज है कि वह दंगा शुरू कराने के बाद मूंगा नगर व मुस्तफाबाद में जाकर छुप गया था। वहीं से दंगे होने की सूचना देने के लिए जानबूझ कर पीसीआर को काल किया, ताकि कोई उस पर दंगे में शामिल होने का शक न करे। उसके बयान में दर्ज है कि वह वहीं से बैठ कर साथियों को निर्देश देता रहा। बता दें, दिल्ली दंगे में नाम आने के बाद आप ने ताहिर को निलंबित कर दिया था।