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प्रधानमंत्री जन-धन योजना कॉल सेंटर में नौकरी के नाम पर की ठगी, गिरफ्तार

प्रधानमंत्री जन-धन योजना कॉल सेंटर समेत सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का दावा कर ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 08:59 PM (IST)Updated: Mon, 21 Mar 2016 07:53 AM (IST)
प्रधानमंत्री जन-धन योजना कॉल सेंटर में नौकरी के नाम पर की ठगी, गिरफ्तार

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जन-धन योजना कॉल सेंटर समेत सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का दावा कर ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। शातिर अपराधी नौकरी का विज्ञापन देते थे और फिर फोन आने पर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर लाखों रुपये की ठगी करते थे।

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क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फोन, विभागों के फर्जी स्टांप समेत बड़े पैमाने पर फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक शिकायत मिलने पर जांच शुरू की गई तो कई अमह खुलासे सामने आए। क्राइम ब्रांच की टीम ने अर्जुन (28) निवासी पांडव नगर, मूल निवासी मोदीनगर गाजियाबाद को पांडवनगर और और सुरेश नागर (31) निवासी ग्रीन फील्ड कॉलोनी फरीदाबाद हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया।

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डेढ़ साल से कर रहे थे ठगी
पूछताछ में अर्जुन और सुरेश नागर ने खुलासा किया क वे डेढ़ साल से ठगी के धंधे में है। उन्होंने लोगों से ठगी करने के लिए फर्जी पते पर बैकों में खाते खुलवाये। वे विभिन्न विभागों में नौकरी का विज्ञापन दिया करते थे और जब नौकरी की तलाश में युवा उनसे संपर्क करते थे। तो वे उन्हे उनके बैंक खाते में रुपये डालने को कहते थे। जैसे ही वे खाते में रुपये भेजते थे। वे उन्हे फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर भेज देते थे। अर्जुन, बागपत तातरी निवासी गोविंद, उसका साथी सुरेश नागर, ज्ञान नागर, विपिन और सचिन के संपर्क में आने के बाद से ही नौकरी के नाम पर ठगी कर रहा है। अर्जुन 2010 मे मंडावली थाना क्षेत्र मे हत्या के प्रयास मामले में चार साल की सजा काट चुका है और जमानत पर बाहर है। वहीं फरीदाबाद निवासी सुरेश की 2010 में मेरठ जेल में गोविंद नाम के व्यक्ति से हुई और फिर उसके साथ उसने नौकरी के नाम पर ठगी का करने लगा।

इन विभागों में नौकरी के नाम पर ठगी
संयुक्त आयुक्त क्राइम रविंद्र यादव ने बताया कि पूरा गैंग प्रधानमंत्री जन-धन योजना कॉल सेंटर, भारत तिब्बत सीमा बल, इंडियन नेवी, गुप्त सिपाही, किसान कॉल सेटर, एलआइसी, आइटी मंत्रालय, दूरदर्शन और प्रसार भारती में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था।


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