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भंडारे के आयोजन को निगम की मंजूरी जरूरी

जागरण संवाददाता नई दिल्ली अगर नवरात्र में आप भी 50 से अधिक लोगों के लिए भंडारे के आयोजन की शोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि अब भंडारे के आयोजन के लिए आपको निगम से लिखित रूप में इजाजत लेनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 06:28 AM (IST)
भंडारे के आयोजन को निगम की मंजूरी जरूरी
भंडारे के आयोजन को निगम की मंजूरी जरूरी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अगर नवरात्र में आप भी 50 से अधिक लोगों के लिए भंडारे के आयोजन की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि अब भंडारे के आयोजन के लिए आपको निगम से लिखित रूप में इजाजत लेनी होगी। इसके बाद ही आप भंडारे का आयोजन कर सकेंगे। ऐसा न करने पर निगम द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है।

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दरअसल, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और स्वच्छता मिशन के निदेशक वीके जिदल ने सभी शहरी नगर निकायों को पत्र लिखकर नवरात्र में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखने की नसीहत दी है। पत्र के मुताबिक, किसी भी संस्था या व्यक्ति द्वारा अगर 50 लोगों से अधिक के लिए भंडारे का आयोजन किया जाता है तो इसके लिए स्थानीय निगम से इजाजत लेनी होगी। इजाजत मिलने के बाद भंडारा स्थल के आसपास 100 मीटर के दायरे में स्वच्छता बनाए रखनी होगी। वहां कूड़ेदान भी उपलब्ध कराने होंगे।

प्रसाद वितरण में प्लास्टिक का उपयोग न करें : मंत्रालय ने सभी निगमों को यह भी कहा है कि वह यह भी सुनिश्चत करें कि धार्मिक स्थलों में प्रसाद वितरण के दौरान प्लास्टिक का उपयोग न हो। इसके लिए ऐसे ही वस्तुओं का उपयोग किए जाने पर जोर दिया जाए जो रिसाइकिल हो सकते हों। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रसाद के वितरण के दौरान प्रसाद खराब न हो। योजना बनाकर निगम को निवासी कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए) व धार्मिक प्रबंधन कमेटी को भी सफाई के प्रति जागरूक करना होगा। साथ ही भंडारे के बाद आयोजन स्थल की सफाई से संबंधित फोटो भी सोशल मीडिया पर साझा करना होगा।

उल्लेखनीय है कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत भी इसी तरह के नियम हैं। जिसमें धरना प्रदर्शन से लेकर अन्य आयोजन करने के लिए आयोजन स्थल को स्वच्छ रखना होता है। वर्जन

अभी हमें पत्र नहीं मिला है, फिर भी नागरिकों से हमारी अपील है कि इजाजत की बजाय अगर हमें सूचना भी दे देंगे तो हम सफाई की व्यवस्था करा देंगे। देखने में आता है कि लोग हजारों रुपये भंडारे में तो खर्च कर देते हैं, लेकिन कूड़ेदान की व्यवस्था नहीं करते। इसलिए स्थानीय पार्षद या जोन कार्यालय को लोग सूचना दें तो पार्षद वहां पर सफाई की व्यवस्था करेंगे।

-आदेश गुप्ता, महापौर, उत्तरी निगम


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