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सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में थरूर को समन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों म

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 08:38 PM (IST)
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में थरूर को समन
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में थरूर को समन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में उनके पति शशि थरूर को बतौर आरोपित समन जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें सात जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया है। अब थरूर को बतौर आरोपित कोर्ट के ट्रायल का सामना करना होगा।

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कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कहा कि इस मामले में आइपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 498 ए (प्रताड़ित करना) के तहत आरोप लगे हैं। इन धाराओं में थरूर के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। बता दें कि 17 जनवरी 2014 की शाम चाणक्यपुरी स्थित पाच सितारा लीला होटल के सुइट नंबर 345 में सुनंदा संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई थीं। दिल्ली पुलिस की एसआइटी (विशेष जांच दल) ने उनकी मौत के सवा चार साल बाद गत 14 मई को पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। करीब 3000 पेज की चार्जशीट में एसआइटी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व काग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को मुख्य संदिग्ध आरोपित माना है। शशि ने खुद पर लगे आरोपों को बताया निराधार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मीडिया में बयान जारी कर खुद पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है। थरूर का कहना है कि उनके खिलाफ झूठा एजेंडा चलाया जा रहा है और बेवजह की कहानी गढ़कर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जबकि सुनंदा की मौत खुदकशी थी। उन्होंने कहा है कि जानबूझकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करे। बेवजह की झूठी कहानियों को टीवी चैनलों पर न चलाए। इससे लोग उनके बारे में गलत धारणा बना रहे हैं। इससे उनकी छवि धूमिल हो रही है। स्वामी की याचिका पर पुलिस से मांगा जवाब

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। स्वामी ने याचिका दायर कर सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में विजिलेंस जांच की रिपोर्ट मागी है। उनका आरोप है कि वारदात के वक्त सुबूत मिटाए गए थे। घटना के एक साल बाद मामले में एफआइआर दर्ज हुई और दिल्ली पुलिस ने सही तरीके से जाच नहीं की।


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