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सिख कैदियों की रिहाई के लिए डीएसजीपीसी लड़ रही कानूनी लड़ाई: जीके

-बंदी छोड़ दिवस पर तिहाड़ जेल के बाहर सिखों ने की अरदास राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : देश के विि

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 07:44 PM (IST)
सिख कैदियों की रिहाई के लिए डीएसजीपीसी लड़ रही कानूनी लड़ाई: जीके
सिख कैदियों की रिहाई के लिए डीएसजीपीसी लड़ रही कानूनी लड़ाई: जीके

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

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देश के विभिन्न जेलों में बंद सिखों की रिहाई के लिए बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर बुधवार को तिहाड़ जेल के बाहर अरदास की गई। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि सजा पूरी करने के बाद भी सिख कैदियों की रिहाई नहीं होना मानव अधिकार का उल्लंघन है। उनकी रिहाई के लिए कमेटी संघर्ष करती रहेगी।

उन्होंने कहा कि गुरु हर गोबिंद सिंह साहिब ग्वालियर की जेल में बंद 52 पहाड़ी ¨हदू राजाओं को मुक्त कराया था। उसकी याद में बंदी छोड़ दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के काले दौर के दौरान बंदी बनाए गए सिखों की आजतक रिहाई नहीं हुई है। इनके लिए कमेटी विभिन्न अदालतों में कानूनी लड़ाई लड़ रही है। कमेटी की कानूनी लड़ाई की वजह से हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में 5600 सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया है जिससे कि कैदियों के साथ शारीरिक उत्पीड़न न हो सके।

कमेटी के प्रवक्ता परमिंदर पाल सिंह ने कहा कि जिन कैदियों पर सीबीआइ जाच चल रही है या फिर टाडा लगा हुआ है उनकी सजा पूरी होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई नहीं करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही इनकी रिहाई संभव है। अरदास मे कमेटी के संयुक्त सचिव अमरजीत सिंह फतेहनगर, कमेटी के सदस्य चमन सिंह, परमजीत सिंह चंडोक, आत्मा सिंह लुबाना, रमिंदर सिंह स्वीटा, रणजीत कौर आदि मौजूद थे।


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