Delhi Crime News: शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर ठगे 38 लाख रुपये, आरोपित गिरफ्तार
Delhi Crime News ठगी होने पर पीड़ित ने जब उससे पैसे मांगे तो आरोपित ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। एसीपी विजय सिंह की देखरेख में जांच के दौरान पुलिस ने लेनदेन का विवरण बैंक से खाता धारक का आधार कार्ड और पैन कार्ड का विवरण लिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी को शेयर बाजार में निवेश करने पर लाभ होने का झांसा देकर 38 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद द्वारका जिला पुलिस की साइबर सेल ने मामले की तकनीकी जांच करते हुए गुजरात के पाटन शहर से आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के कब्जे से पुलिस ने दो मोबाइल, 18.12 लाख रुपये, चेक बुक, विभिन्न बैंक के चार पासबुक व तीन डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। आरोपित का नाम जाला संजय कुमार है।
पुलिस उपायुक्त शंकर चौधरी ने बताया कि धनविंदर सिंह सांगवान ने अप्रैल महीने में साइबर पुलिस थाने में ठगी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि वह शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हैं। उन्हें पेंशन लाभ के रूप में पर्याप्त राशि मिली थी। पिछले साल 20 अगस्त को एक अंजान व्यक्ति का फोन आया। उस व्यक्ति ने लाभ दिलाने की बात कहकर कुछ राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कहा। आरोपित ने अगस्त 2021 से सितंबर 2021 के बीच उनसे करीब 38 लाख रुपये बैंक खाते में डलवा लिए।
ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने जब उससे पैसे मांगे तो आरोपित ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश कुमार के नेतृत्व व एसीपी विजय सिंह की देखरेख में जांच के दौरान पुलिस ने लेनदेन का विवरण, बैंक से खाता धारक का आधार कार्ड और पैन कार्ड का विवरण लिया। आधार और पैन की जांच में आरोपित के दो और खाते का पता चला। उसके बाद पुलिस ने आरोपित का मोबाइल नंबर प्राप्त किया।
इसके बाद में सीडीआर जांच में पता चला कि आरोपी पाटन, गुजरात का रहने वाला है। पुलिस टीम गठित कर गुजरात के लिए रवाना की गई। पुलिस पाटन के सुनसर गांव पहुंची। जहां पता चला कि वह खेत में काम करने गया है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह किसी भी फोन नंबर पर बेवजह फोन करता था और जो भी फोन उठाता उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कहता था। धनविंदर सिंह सांगवान ने शेयर बाजार में रुचि दिखाई। उसके बाद उसने शिकायतकर्ता से पैसे ले लिए और उसे अपने अन्य बैंकों में ट्रांसफर कर दिया।